बांदा। उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की नरैनी कोतवाली क्षेत्र के बिल्हरका गांव के भांवरपुरवा में कथित चुनावी रंजिश में की गई गोलीबारी में एक दलित परिवार के बुजुर्ग दंपति और दो नाबालिग पोते गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान अस्पताल में महिला की मौत हो गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पीड़ित दलित दंपति के बेटे संतोष रैदास ने आज बताया कि ‘उसके बुजुर्ग माता-पिता और दो नाबालिग भतीजे अपने घर के दरवाजे पर बैठे थे, तभी गांव के दो दबंगों ने प्रधानी के चुनाव की रंजिश को लेकर उन पर गोली चला दी। अस्पताल में इलाज में देरी होने की वजह मां रधिया की मौत हो गई है और पिता राम आसरे व भतीजा रघुनाथ एवं लव जिले की सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं।’ उसने बताया कि ‘तीनों घायलों के शरीर में गोली फंसी हुई है, रात में एक्स-रे तक नहीं हो पाया।’
इस घटना के बारे में कल रात 09.45 बजे पुलिस अधीक्षक से उनके सी.यू.जी. नंबर-9454400257 पर फोन कर जानकारी चाही गई तो किसी पुलिसकर्मी ने बताया कि ‘मैडम मीटिंग में व्यस्त हैं, उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं है। नरैनी कोतवाल से बात करो।’ हालांकि आज एसपी शालिनी ने बताया कि ‘दो व्यक्ति चीतल का शिकार करने गए थे, लाईसेंसी बंदूक से चली गोली लगने से घायल वृद्धा रधिया की अस्पताल में मौत हो गई है और उसका पति एवं दो नाबालिग पोते घायलावस्था में भर्ती हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘यह जांच की जा रही है कि गोली लक्ष्य साध कर चलाई गई या फिर धोखे से लगी है। फिलहाल अभी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है।’
लेकिन, जाहिर सी बात है यदि गोली धोखे से लगी होती तो एक ही व्यक्ति घायल या मृत होता, चार लोगों के घायल होने का मतलब एक से अधिक फायर जानबूझ कर किए गए होंगे। उल्लेखनीय है कि शहर क्षेत्र के छोटे यादव के पुरवा में 31 जनवरी को एक ही परिवार के चार लोगों की कुल्हाड़ी से काट कर हत्या करने के आरोपी गोलू को पुलिस अभी तक नहीं गिरफ्तार कर पायी और सप्ताह के ही भीतर यह दूसरी घटना घटित हो गई।
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