बांदा। उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की पुलिस वाकई संवेदनशून्य हो गई है। अतर्रा थाना क्षेत्र में दलित किशोरी के साथ हुए कथित दुष्कर्म के मामले में एनसीआर दर्ज करने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ और बिसंड़ा थाने के तेंदुरा गांव में दुष्कर्म के पिछले मामले में सुलह न करने पर दो महिलाओं से कुछ दिन पूर्व खेत में दुष्कर्म करने की कोशिश करने का आरोपी बुधवार को तमंचा लेकर पीड़ित दलित परिवार के घर चढ़ाई करहत्या की कोशिश करने का नया मामला सामने आ गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बिसंड़ा थाने के तेंदुरा गांव के पीड़ित दलित परिवार के मुखिया संतोष ने फोन पर बताया कि ‘पिछले साल दर्ज कराए गए मुकदमा अपराध संख्या-37/2017, धारा-376 आईपीसी में राजी न होने पर आरोपी शिवराम मिश्रा ने पिछली तीन फरवरी को खेत में हरा चारा काटने गई उसकी पत्नी और छोटे भाई की पत्नी के साथ दोबारा दुष्कर्म की कोशिश की थी। यह मामला मु.अ.सं.-30/2018 में बिसंड़ा थाने में दर्ज हुआ है। मामले के विवेचक/सीओ बबेरू ने हाल ही में सीआरपीसी की धारा-164 के तहत न्यायालय में दोनों पीड़िताओं के बयान भी दर्ज करवाया है, लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी न होने परवह बुधवार की सुबह से दो बार हाथ में खुला तमंचा लिए घर में चढ़ाई कर सुलह न होने पर जान से मारने की धमकी दे चुका है।’ उसने बताया कि ‘जरिए फोन थानाध्यक्ष, चैकी प्रभारी और सीओ को सूचना दे दी है, लेकिन अब तक न पुलिस आई और न ही उसके दरवाजे से आरोपी हटा है।’
संवाददाता ने जब थाना प्रभारी बिसंड़ा श्रीप्रकाश यादव से बात की तो उनका कहना था कि ‘सर्वोच्च न्यायालय ने सात साल से नीचे की सजा वाले अपराध में रोक लगाए हुए है, इसलिए पुलिस कुछ नहीं कर सकती।’ जब उन्हें यह बताया गया कि अदालत ने गवाहों या प्रताड़ित को भयभीत करने की स्थिति यानी विशेष परिस्थितियों गिरफ्तारी की अनुमति दी है तो उनका कहना था कि ‘हम समझ रहे हैं।’कुल मिलाकर पुलिस की संवेदनशून्यता जारी है और अपराधियों के हौंसले बुंलंद हैं।
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