आजमगढ़। नील गायों और छुट्टा पशुओं से परेशान किसानों को अब अपनी खड़ी फसल को बचाने की चिंता नहीं करनी है। आजमगढ़ के कृषि वैज्ञानिकों ने नील गायों को फसलों से दूर रखने का काट खोज लिया है। यह ऐसा घोल है, जिसे किसान घर पर ही काफी कम लागत में तैयार कर सकते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कृषि विज्ञान केंद्र के आजमगढ़ के वरिष्ठ मृदा वैज्ञानिक डॉ़ रणधीर नायक ने इस घोल को तैयार किया है। इससे नील गायों (वन रोजों) से फसल को बचाया जा सकता है। वैज्ञानिक रणधीर नायक ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में बताया कि मुर्गी के 10-12 अंडों और 50 ग्राम वाशिंग पाउडर को 25 लीटर पानी में मिलाकर घोल बनाना पड़ता है। इसके बाद किसान इस मिश्रण को खड़ी फसल के मेड़ों पर छिडक़ाव कर दें।
इसकी गंध से छुट्टा जानवर और नील गाय खेत में नहीं जाएंगे। उन्होंने बताया कि गर्मी और सर्दी में महीने में एक बार छिडक़ाव करना चाहिए और बारिश के मौसम में जरूरत के हिसाब से छिडक़ाव किया जा सकता है। अंडों और डिटर्जेंट से बने मिश्रण से एक विशेष गंध निकलती है। नील गाय और अन्य पशु फसलों से दूर रहते हैं।
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