अमेठी। कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले अमेठी में अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपना अशियाना बनाने जा रही है। सोमवार को गौरीगंज तहसील के उप निबंधक कार्यालय में अपने आवास के लिए भूमि का बैनामा करवाया। स्मृति ईरानी ने कहा कि अब अमेठी की सांसद अब अमेठी वालों के साथ रहेगी, जल्द ही गांव वालों के साथ मिलकर भूमि पूजन करवाया जाएगा। उन्होंने जिला मुख्यालय से सटे मेदन मवई ग्राम पंचायत की सीमा में स्थित 11 बिस्वा भूमि का बैनामा कराया। स्मृति की मौजूदगी में हुई भूमि की रजिस्ट्री के लिए 50,800 रुपये का स्टांप लगाया गया।
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इसके पहले उप निबंधक ने विक्रेता फूलमती से भूमि का रकबा व पूरा पैसा मिलने की पुष्टि की। रजिस्ट्री के बाद उसकी मूल कॉपी सीडीओ डॉ. अंकुर लाठर व एडीएम एसपी सिंह की मौजूदगी में डीएम अरुण कुमार ने स्मृति को सौंपी। उप निबंधक ने बताया कि रजिस्ट्री में 50,800 रुपये का स्टांप (42,800 रुपये की ई-स्टांपिंग व आठ हजार रुपये कीमत का स्टांप पेपर) लगाया गया। रजिस्ट्री शुल्क के रूप में 12,190 रुपये केंद्रीय मंत्री ने नगद चुकाया।
उप निबंधक प्रदीप तोमर ने बताया कि चूंकि भूमि पर मौजूदा समय में खेती होती है और उसका रकबा भी पांच बिस्वा से अधिक है, ऐसे में भूमि का बैनामा कृषि में हुआ। मंत्री ने जिस भूमि का बैनामा लिया वह आबादी से 200 मीटर के दायरे में व जनपदीय मार्ग के पास है, इसलिए उस पर आवासीय का 50 प्रतिशत अधिक स्टांप लगाया गया है।
इस दौरान स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार पर तंज कसते हुए कहा कि, "अमेठी के पूर्व सांसद, अमेठी में आज तक कभी घर बनाकर नहीं रहे। मैं आज तक अमेठी में किराये के मकान में रह रही थी, आज मेरा ये सौभाग्य ही है कि मैं यहां पर अपना घर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर पा रही हूं।"
उन्होंने कहा कि, "इस भूमि पर मकान बनाकर वे लोगों से किया गया अपना वादा पूरा करेंगी। मकान निर्माण का काम शुरू होने से पहले भूमि पूजन का भव्य कार्यक्रम होगा, जिसमें संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक गांव के लोगों को बुलाया जाएगा।"
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि आज अपने वादे को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। पहले यहां की नुमाइंदगी करने वालों में और उनमें क्या फर्क है इस बात को जनता भी अच्छे से समझ चुकी है। रायबरेली में भाजपा कार्यकर्ताओं की सक्रियता को लेकर किए गए एक सवाल के जवाब में स्मृति ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं की सक्रियता बता रही है कि वहां कुछ बड़ा होने वाला है। स्मृति ने कहा कि रायबरेली में भी जनता इस बात को लेकर फिक्रमंद है कि आखिर उनकी सांसद कहां हैं। हालांकि सोमवार को स्मृति ने प्रियंका व राबर्ट वाड्रा को लेकर किए गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।
स्मृति करीब एक बजे रजिस्ट्री दफ्तर पहुंचीं और बैनामे की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दो बजे बाहर निकलीं। इस दौरान स्मृति एक भी मिनट के लिए भी कुर्सी पर नहीं बैठीं। यहां जलपान की भी व्यवस्था थी लेकिन स्मृति ने सिर्फ एक गिलास पानी पिया।
ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव 2019 के पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ने गौरीगंज के जामो रोड पर कलेक्ट्रेट के करीब एक मकान किराए पर ले रखा था। बाद में उन्होंने उसी मकान को आवास के साथ सांसद का कैंप कार्यालय भी बनाया। सांसद बनने के बाद स्मृति ने अमेठी में किसी गेस्ट हाउस के बजाय अपने इसी आवास पर रुकती हैं और यहीं उनका कैंप कार्यालय भी चलता है। (आईएएनएस)
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