अमेठी।
फरवरी महीने से लगातार मुश्किलों में घिरे चल रहे रेप
के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को कुछ राहत मिली है। वरिष्ठ
आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर के खिलाफ रेप का
फर्जी केस खड़ा करने के मामले में सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने पूर्व
मंत्री के खिलाफ आईपीसी की धारा 211 और 120बी के आरोप में संज्ञान लेते हुए
अपने आदेश में कहा है कि पत्रावली पर ऐसा कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है,
जिससे आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 व 203 के तहत भी आरोप बनता हो।
उन्होंने फिर से मामले की सुनवाई नियत करते हुए इस मामले के आईओ को तलब
किया है।
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गौरतलब रहे कि 20 जून 2015 को डॉ. नूतन ठाकुर ने थाना
गोमतीनगर में इस मामले की एफआईआर दर्ज कराते हुए गायत्री और अन्य मुल्जिमों
को नामजद किया था। 13 जुलाई 2015 को इस मामले में गायत्री समेत सभी
मुल्जिमों को क्लीन चिट देते हुए अदालत में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी गई।
डॉ. नूतन ठाकुर की ओर से पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को प्रोटेस्ट के तौर पर
चुनौती दिया गया था।
कोर्ट ने 22 दिसंबर 2015 को डॉ. नूतन ठाकुर की
प्रोटेस्ट अर्जी मंजूर करते हुए पुलिस की अंतिम रिपोर्ट खारिज कर दी थी और
प्रोटेस्ट अर्जी में उठाए गए बिंदूओं पर पुर्न विवेचना का आदेश दिया था।
पुर्न विवेचना के दौरान 26 अप्रैल 2017 को पुलिस ने इस मामले में गायत्री
का न्यायिक रिमांड हासिल किया था।
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