अमेठी। अमेठी में सरकार की विकास योजनाओं को भ्रष्टाचार के घुन ने खा रखा है। ब्लाक बाजार
शुकुल के लोहिया गाँव में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही का
मामला प्रकाश में आया पर देखने और सुनने वाला कोई नहीं है। सरकार की
महत्वाकांक्षी डा. राममनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना में चयनित
भैरमपुर, नांदी ग्रामों में प्रधान और सचिव की मिली भगत के चलते गाँव में
विकास के नाम पर खिलवाड़ हुआ है।
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जानें क्या और कैसे हुआ...?
सूत्रों के मुताबिक पीले ईट और गोमती नदी की रेत से शौचालय का निर्माण
कराया गया है। करीब 40 फीसदी शौचालय अपूर्ण और कागज पर पूर्ण दिखाये गये है। यही
नहीं मानक के विपरीत प्रधान ने इन्हें ठेके पर बनवाया। बताया जा रहा है के
ये शौचालय स्वच्छ भारत अभियान के तहत दिये गये हैं लेकिन लोगों से 900
रूपये शुल्क भी लिया गया है। इसके बाद भी लगाया गया दरवाजा टीन का और उसमें
भी कड़ी लगी ही नहीं है। यही नही कुछ शौचालय तो घटिया सामग्री लगने के कारण
छत पलास्तर होने के बाद अपने आप गिर गये, और तो और विदेशों में रहने वालों को
आवास दिये गये है।
अपात्रों को दिये गये आवास
ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान ने पक्षपात करते हुये अपात्रों को आवास
दिये है। इसके बदले मे मोटी रकम भी वसूली गयी है। लोगों की मानें तो 25 से
30 हजार रुपए लेकर अपात्रों को आवास मुहैया कराया गया और आवासों में आनियमतता
बरती गयी है व घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है।
डा राममनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना में चयनित ग्रामों
में सही ढ़ग से विकास कार्यों को लागू कराने में अफसरों को पूरी निगरानी
करनी चाहिए पर अखिलेश सरकार के अफसरों ने ईमानदारी से काम करना मुनासिब
नहीं समझा, अब देखना ये है कि 2014-2015 मे चयनित लोहिया समग्र ग्राम नांदी
भैरमपुर को योगी सरकार जो सबका साथ और सबका विकास का नारा देकर सत्ता में
आई है और अफसरों को कानून व्यवस्था सुधारने का निर्देश देते है क्या ?
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