अमरीष मनीष शुक्ला, इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लगातार अपने साहसिक फैसलों के लिये
चर्चा में बनी हुई है। इसी कड़ी में एक और शासनादेश लागू किया गया है ।
जिससे अब सबसे छोटी पंचायत यानी ग्राम पंचायत में नये युग की शुरूआत होगी।
ग्राम पंचायत के मुखिया के पास विधायक सरीखी एक ताकत होगी। क्योंकि ग्राम
प्रधानों की शक्ति को बढाया गया है। खास बात यह है कि विधायक व विधान परिषद
सदस्यों की शक्ति को छीनकर इसे ग्राम प्रधान को सौंपा गया है।
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क्या कर सकेंगे ग्राम प्रधान
गांव में पानी की समस्या से निपटारे के लिये ग्राम प्रधान को हैंडपंप लगाने
और रीबोर करने की अतिरिक्त शक्ति मिल गयी है। जिससे प्रधान अब ग्राम
पंचायत स्तर से जरूरतमंद तक पानी की सुगम व्यवस्था के लिये में हैंडपंप
लगवायेंगे और रिबोर भी यही करायेंगे। प्रधान जल निगम को पैसा देकर अथवा
निजी संस्था को भी पैसा देकर हैंडपंप लगवा सकते हैं।
इससे अब हैंडपंप के लिये विधायक जी के पीछे पीछे भागना। सिफारिश लगाना और
बजट से लेकर दुनिया भर की बहानेबाजी का सामना आम जनता को नहीं करना पड़ेगा।
विधायकों की पावर खत्म
अभी तक प्रत्येक विधायक व विधान परिषद सदस्यों के पास कम से कम 100 हैंडपंप
लगाने की शक्ति थी। शासन से इसके लिये बजट दिया जाता था। लेकिन इस नियम
विधि शक्ति को बदल दिया गया है।विधायकों के स्तर से हैंडपंप लगाए जाने वाली व्यवस्था तत्काल प्रभाव से
खत्म कर दी गई है। योगी सरकार ने हैंडपंप लगवाने की जिम्मेदारी ग्राम
प्रधानों को सौंप दी है।
जल निगम में भेजे गये सर्कुलर की जानकारी देते हुये एक्सईएन जल निगम ने
कहाकि इस नयी व्यवस्था की जानकारी ग्राम प्रधानों को दे दी गई है । विभाग
सामंजस्य स्थापित कर पानी की समस्या को अब दूर करेगा।
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