अमरीष मनीष शुक्ला, इलाहाबाद। चेन पुलिंग कर यात्रियों के लिये परेशानी खड़ी करने वाले और
रेलवे राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाले अब सावधान हो जाएं। रेलवे ने उन पर
नकेल कसने के लिये खास इंतजाम किए गए है। चेन पुलिंग करने पर पकड़े गये लोगों
को रेलवे एक्ट के तहत 1000 रुपये तक जुर्माना अथवा एक साल की सजा या फिर
दोनों के प्रावधान से तो गुजरना पड़ेगा ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
नई व्यवस्था के तहत उन्हें
पासपोर्ट व सरकारी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ेगा। यानी चेन पुलिंग करते हुये
पकड़े जाने पर न पासपोर्ट बनेगा और न ही सरकारी नौकरी मिलेगी और यह सब होगा
नए बदलाव से। दरअसल पहले चेन पुलिंग करने के बाद पकड़े जाने पर आरपीएफ थाने
में ही रिपोर्ट दर्ज होती थी। लेकिन आरपीएफ थाने से चरित्र सत्यापन की
प्रक्रिया पासपोर्ट य नौकरी में नहीं होती।
जिससे अपराध करने के बाद भी,
अपराधी बेदाग बना रहता था। लेकिन अब अपराधी पर जब मुकदमा दर्ज होगा तो उसके
निवास से संबंधित थाना क्षेत्र में अपराधी का रिकार्ड भेजा जायेगा । ऐसे
में जब पासपोर्ट य सरकारी नौकरी में चरित्र सत्यापन के लिये पुलिस
वेरीफिकेशन होगा तो संबंधित अपराधी का चेन पुलिंग का भी रिकार्ड सामने आ
जायेगा । जिससे उसके नौकरी व पासपोर्ट मिलने की संभावना लगभग शून्य हो
जाएगी।
उत्तर मध्य रेलवे इलाहाबाद के महाप्रबंधक एमसी चौहान के अनुसार रेलवे
मिनिस्ट्री से भी इसके लिये हरी झंडी मिल गयी है। सिविल पुलिस यह रिकार्ड
अलग से रखेगी य सिविल मुकदमों में ही दर्ज होगा। यह राज्य सरकार व पुलिस
विभाग अपनी व्यवस्था के अनुसार करेगा।
उन्होंने बताया कि जल्द ही सारी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाने के बाद ऑनलाइन
फाइल अटैचमेंट की सुविधा भी होगी। जिससे अपराध दर्ज होते ही संबंधित थाने
में भी रिकार्ड पहुंच जायेगा।
लचर कानून का मिलता है लाभ
रेलवे स्टेशन, रेल के अंदर व आउटर क्षेत्र में होने वाले अपराध का मुकदमा
संबंधित आरपीएफ थाने में दर्ज होता है। यहां भी नाम, पता व पूरी जानकारी
आरपीएफ थाने में सिविल थाने की तरह ही दर्ज होती है। लेकिन दोनों
डिपार्टमेंट अपनी अलग-अलग भूमिका व कार्यक्षेत्र में नियमावली से बंधे होते
हैं।
जिसके चलते आरपीएफ की हिस्ट्री में कानूनन अपराध करने के बाद भी
अपराधी सिविल की नजर में नहीं आता। अब इसे लचर कानून व्यवस्था ही कहेंगे कि
कानूनन अपराध करने के बाद भी वह चरित्रवान बना रहता है।
2017 में 75 गिरफ्तारी
आरपीएफ आंकड़े के अनुसार चेन पुलिंग के मामले में जनवरी 2017 से अबतक कुल 75
चेन पुलिंग के मामले में गिरफ्तारी हुई है। जबकि 2016 में 274 लोगों को
गिरफ्तार किया गया था। लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह है कि चेन पुलिंग करने
वाले 99 प्रतिशत लोग तो पकड़ में नहीं आते और जो पकड़ में आते हैं वह साधारण
जुर्माना देकर अक्सर छूट जाते हैं। जिसके चलते चेन पुलिंग नहीं रुकती।
लेकिन सरकारी आंकड़े बताते हैं कि चेन पुलिंग पर रोक लगाने के लिए विभाग
द्वारा लगातार जागरूकता अभियान, आरपीएफ की मौजूदगी, चेकिंग ने कुछ असर
किया। लेकिन अब नयी प्रक्रिया पूरी तरह से चेन पुलिंग पर अंकुश लगा सकेगी।
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