अमरीष मनीष शुक्ला, इलाहाबाद। सूबे में योगी सरकार ने शिक्षा व्यवस्था के सुधार के लिए जो मुहिम छेड़ी है। उसमें एक और धमाकेदार नीति लागू कर दी गई है। तत्काल रूप से यूपी में बगैर मान्यता स्कूलों पर ताला जड़ने को कहा गया है। 15 मई तक सूबे के किसी भी कोने में बगैर मान्यता के अगर चलते पाये गये तो स्कूल प्रबंधन के विरूद्ध तो कार्रवाई होगी ही। संबंधित क्षेत्र का अधिकार रखने वाले विभाग के अधिकारी पर भी गाज गिरेगी। यानी की 15 मई के बाद बगैर मान्यता के कोई भी स्कूल संचालित नहीं हो सकेंगे। इस नियम के कड़ाई से पालन के लिये शासन ने विभाग की ब्लाक ईकाई को यानी खण्ड शिक्षा अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है। इन अधिकारियों को इलाके का चप्पा चप्पा छानना है और फिर विभागीय व कानूनी प्रक्रिया से अवैध संचालित विद्यालय को बंद करना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सबसे बड़ी मुश्किल यह
स्कूलों के लिये सबसे बड़ी मुश्किल यह होने वाली है कि नये सत्र के जो एडमिशन उन्होंने कर रखे हैं। उन बच्चों के सापेक्ष वह क्या निर्णय लेंगे। क्योंकि सीएम योगी ने यूपी में नये विद्यालयों की मान्यता पर अभी रोक लगा रखी है। मतलब साफ कि जो अवैध उन्हे कानूनी तौर पर साफ कर दिया जायेगा। हालांकि बच्चों के भविष्य को देखते हुये। स्कूल में पढने वालों को सरकार क्या सुविधा उपलब्ध करायेगी। यह देखने वाला विषय होगा। क्योंकि अभिभावक ने तो एडमीशन व फीस के नाम पर अपनी झोली खाली कर दी है। ऐसे में विद्यालय बंद हुआ तो बच्चे कहां जायेंगे । अगर दूसरे स्कूल में गये तो एडमीशन व फीस की पूरी प्रक्रिया से अभिभावक पर दोहरा बोझ पडेगा। जिसे आम लोग वहन नहीं कर पायेंगे।
नये मानकों का इंतजार
सरकार ने यह निर्णय ऐसे समय पर लिया है। जब कुछ ही समय में ग्रीष्म कालीन अवकाश होने वाला है। ऐसे में सरकार व स्कूल प्रबंधन के पास पर्याप्त समय भी होगा कि वह नये मानकों को लागू व पालन कर सके। क्योंकि नये मानक क्या होंगे। अभी इस पर पर्दा पड़ा हुआ है और इसी कड़ी का हिस्सा यह नया आदेश है।
खण्ड शिक्षा अधिकारी पर जिम्मेदारी
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने गुरुवार की बैठक में इलाहाबाद जिले के लिये अपनी रणनीति खण्ड शिक्षा अधिकारियों के साथ साझा की। रूटीन चेकिंग, अभिलेख जब्ती, विद्यालय की फोटोग्राफी समेत विद्यालय में बच्चों, शिक्षक व कक्षों की संख्या। विद्यालय भवन की मौजूदा स्थिति पर भी रिपोर्ट तैयार की जायेगी ।अब प्राइमरी कक्षा से लेकर इण्टर मीडियट तक के स्कूल किसी न किसी बोर्ड से मान्यता के बाद ही संचालित हो। यह सुनिश्चित करने के लिये विभाग की ब्लाक स्तरीय टीमें वर्क करेगी।
संभावना है कि विभाग पहले ही ऐसे विद्यालय की रिपोर्ट बना लेगा । जो मानक को पूरा करेंगे और जिन्हें मान्यता दी जानी होगी। मान्यता के लिये अप्लाई करने वालों खामियों को दूर करने पर ही मान्यता दी जायेगी। लेकिन सबसे पहले युद्ध गति से अवैध रूप से संचालित हो रहे स्कूलों पर अंकुश लगाने का क्रम शुरू किया गया है ।
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