इलाहाबाद। सपाराज में हनक पर बाहर घूम रहे एक और बड़ी सख्सियत का अब योगीराज में जेल जाना तय है। बार बार अपराध करने से नाराज़ इलाहाबाद हाइकोर्ट ने बाहुबली अतीक अहमद की जमानत नामंजूर करने के बाद एक और बड़ा डिसीजन लिया है। इस बार हाइकोर्ट की सख्ती शिया वक्फ बोर्ड को लेकर है। अपने एक अहम फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड के प्रेसीडेंट वसीम रिजवी की गिरफ़्तारी पर रोक लगाने की अर्जी नामंजूर कर दी है। जिससे अब कभी भी रिजवी को पुलिस हिरासत में ले सकती है। मालूम हो कि यूपी के बरेली में वक्फ सम्पत्ति को लेकर रिजवी पर घोटाला करने के आरोप लगे थे।
मामले में रिजवी के विरुद्ध रिपोर्ट भी दर्ज हुई लेकिन अपनी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए अभी तक रिजवी गिरफ़्तारी से बचते रहे हैं। पुलिस रिजवी को गिरफ्तार न करे इस बाबत रिजवी ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए इलाहाबाद हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति तरूण अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति राजुल भार्गव की खंडपीठ ने गिरफ़्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और याचिका ख़ारिज कर दी है।
बार-बार अपराध से नाराज
गौरतलब है की बाहुबली अतीक अहमद के मामले में भी कोर्ट ने कहा था कि अपराधी अगर बार-बार अपराध कर रहा है तो उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए।क्योंकि वह जमानत मिलने पर अपराध करता रहेगा। ऐसे में उसका जेल में ही रहना सही है। ताकि कानून व्यवस्था कायम हो सके। अपने इसी निर्देश को आगे बढ़ाते हुए कोर्ट ने लगातार अपराध करने के कारण रिजवी मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है।
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