प्रयागराज । देश भर में श्रावण मास के पावन पर्व पर भगवान शिव शंकर की विशेष पूजा की जाती है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित प्राचीन मनकामेश्वर महादेव मंदिर में शुक्रवार को श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे। कांवरिये भी गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाकर भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचे।
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सावन का महीना 'देवों के देव' महादेव को समर्पित है। इस खास महीने में भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भक्त भगवान शंकर की भक्ति में डूबे नजर आ रहे हैं। डमरू और शंखनाद के साथ पूरा मनकामेश्वर मंदिर बम-बम भोले की नाद से गूंज उठा। महादेव के दर्शन के लिए भक्त लंबी कतार में खड़े रहे। भगवान का जलाभिषेक करने के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।
मनकामेश्वर महादेव मंदिर के प्रबंधक ब्रह्मचारी श्रीधर आनंद ने मंदिर की विशेषता बताई। उन्होंने कहा कि मनकामेश्वर महादेव अत्यंत प्राचीन मंदिर है। कई पुराणों में इसका उल्लेख मिलता है। त्रेता युग में जब भगवान राम संगम क्षेत्र में आए थे तो उन्होंने मां सीता के साथ यहां जलाभिषेक किया था।
उन्होंने कहा कि तभी से भगवान इस मंदिर में विराजमान हैं। जो भी सच्ची श्रद्धा और आस्था से भगवान शिव शंकर की पूजा-अर्चना करता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है।
तड़के चार बजे मंगला आरती होने के साथ ही महादेव के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लग गया था।
भगवान का दर्शन और पूजन रात्रि 10 बजे तक चलेगा। इसके बाद आरती होती है और भगवान का श्रृंगार किया जाता है। माना जाता है कि सावन में भगवान शिव का जलाभिषेक करने से भक्तों का उद्धार होता है और उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
--आईएएनएस
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