प्रयागराज । इलाहाबाद
विश्वविद्यालय ने शिक्षकों के लिए अपने साथी शिक्षक या किसी आधिकारिक विवाद
को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराने से पहले विभाग के प्रमुख और डीन के माध्यम
से प्रॉक्टर को सूचित करना अनिवार्य कर दिया है।
वाइस चांसलर संगीता श्रीवास्तव के निर्देश पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा
इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आदेश में कहा गया है, "यह
वाइस चांसलर के संज्ञान में आया है कि संकाय सदस्य साथी शिक्षकों के खिलाफ
आधिकारिक मामलों में सक्षम अधिकारी की पूर्व स्वीकृति के बिना और संबंधित
प्रमुख या डीन को सूचित किए बिना एफआईआर दर्ज कराते हैं। वाइस चांसलर
द्वारा निर्णय लिया गया है कि यदि कोई शिकायत या विवाद है, तो मामले को
प्रॉक्टर को उचित चैनल के माध्यम से भेजा जाएगा। प्रॉक्टर इसकी जांच करेगा
और आवश्यक कार्रवाई के लिए सक्षम प्राधिकारी के समक्ष रखेगा। यदि एफआईआर
दर्ज करने की आवश्यकता है, तो प्रॉक्टर या विश्वविद्यालय के अन्य अधिकृत
अधिकारियों द्वारा दायर किया जाए।"
एक संकाय सदस्य ने कहा कि यह
आदेश महत्व रखता है, क्योंकि पूर्व में कुछ शिक्षण और गैर-शिक्षण
कर्मचारियों ने एक-दूसरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
संपर्क किए जाने पर, विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी जया कपूर ने कहा, "यह एक आंतरिक मामला है। हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।"
--आईएएनएस
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