अमरीष मनीष शुक्ल,इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को बड़ा झटका दिया है। बाबा
रामदेव के स्वामित्व वाली पतंजलि आयुर्वेद कंपनी को लेकर एक बड़ा आदेश दिया
है। हाईकोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर में पतंजलि कंपनी को दी गई जमीन पर किसी भी
तरह के बदलाव पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने खत्म हो चुके
कानून के तहत जमीन लेने पर मेरठ के मंडलायुक्त से जवाब मांगा है और कहा है
कि यहां किसी भी प्रकार का काम नहीं होना चाहिये । ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बता दें कि गौतमबुद्ध नगर में पतंजलि आयुर्वेद कंपनी का निर्माण 4500 एकड़
में हो रहा है। लेकिन अब कोर्ट ने बाबा के लिये मुश्किल बढा दी है। क्योंकि
अब यहां निर्माण कार्य नहीं किया जा सकेगा। जिससे बाबा रामदेव का ड्रीम
प्रोजेक्ट अधर में लटका रहेगा।
जैसा की कोर्ट को बताया गया है कि यहां कंपनी निर्माण के लिये हरे पेड़ों की
कटाई की गई है। जिस पर कोर्ट ने तल्ख रूप अख्तियार कर लिया है ।इलाहाबाद
हाईकोर्ट ने इस बावत हलफनामा दाखिल करने को कहा है और पूछा है कि आखिर किस
कानून के तहत हरे पेड़ों को जेसीबी से गिरा दिया गया ।
हाईकोर्ट ने अपने
आदेश में स्पष्ट किया कि डीएम मौके पर जांच करे और कोर्ट को बताये कि कितने
हरे पेड़ काटे गये और कितने बचे हुये है।
जाहिर सी बात हैं कि अब डीएम पेड़ काटने के दौरान तैनात प्रशासनिक अफसर और
पुलिस कर्मियों की भी जानकारी कोर्ट कोर्ट देंगे। जिन पर कार्रवाई की जाएगी
। बता दें कि लगभग 14 याचिकाएं इस मामले में डाली गई है। जिस पर हाईकोर्ट
की जस्टिस तरूण अग्रवाल और जस्टिस अशोक कुमार की डबल बेंच सुनवाई कर रही
है।
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