छात्रों को सपा राज में पीटा गया ये भी पढ़ें - यहां कब्र से आती है आवाज, ‘जिंदा हूं बाहर निकालो’
एबीवीपी मंत्री रोहित मिश्रा ने कहा कि अखिलेश के 5 साल के कार्यकाल में
निर्दोष छात्रों पर 47बार लाठी चार्ज हुआ, 7बार आंसूगैस के गोले दागे गए।9
निर्दोष छात्रों को 5000 का इनामी बनाया गया। 9 बार निर्दोष छात्रों को
बलपूर्वक भगाने के लिए हवाई फायरिंग की गई । अखिलेश के 5 साल के कार्यकाल
में माननीय उच्च न्यायालय में 3116 याचिकायें आयी और इन पांच सालों में
इलाहाबाद मात्र 465 दिन तक बिना धारा 144 के रहा। सैकड़ों निर्दोष छात्रों
को 14 बार जेल भेजा गया, हजारों छात्रों पर 13बार वाटर कैनन चलवाया गया
।माध्यमिक,उच्चतर और लोक सेवा आयोग में जमकर भ्रष्टाचार कर आम छात्रों का
हक छीना गया और अब जब सीबीआई इलाहाबाद में सपाराज की कालगुजारी उजागर करने
आई है तो जांच पर दबाव बनाने के लिये अखिलेश यादव का कार्यक्रम यूनिवर्सिटी
में रखा जा रहा है। जब छात्र हित में अखिलेश यादव ने कुछ किया ही नहीं तो
उनके छात्रसंघ और यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम व आमंत्रण कार कोई सवाल ही
नहीं होता । यूनिवर्सिटी को सपा रंग में रंगने और राजनीति करने कार
षड्यंत्र हम नहीं होने देंगे।
चर्चा में आई थी ॠचा सिंह
आपको याद दिला दें कि जब इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में सांसद रहे योगी
आदित्यनाथ का कार्यक्रम 2015 निर्धारित हुआ और उनका आना तय हुआ उस वक्त
रिचार्ज छात्र नेत्री ॠचा सिंह ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया
था। ॠचा सिंह के साथ उनके सैकड़ों समर्थकों ने सड़क पर प्रदर्शन शुरू कर
दिया और यह प्रदर्शन इतना व्यापक हुआ कि राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में
ॠचा सिंह आ गई। इस आंदोलन में इतना असर दिखाया था कि योगी आदित्यनाथ का
तत्कालीन दौरा जिला प्रशासन ने रद्द करवा दिया था। उसके बाद देखते ही देखते
ॠचा सिंह एक कद्दावर नेत्री के रूप में उभरकर सामने आई और इस ख्याति के दम
पर ही सपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान रिचा सिंह को विधायकी का टिकट भी दे
दिया था।
छात्रों ने मांगी भीख
मौजूदा छात्र संघ में महामंत्री निर्भय द्विवेदी के नेतृत्व में एबीवीपी
अखिलेश यादव के यूनिवर्सिटी कार्यक्रम का विरोध कर रही है। उसी विरोध में
एबीवीपी ने भीख मांगी और भीख मांगने के बाद जो कुछ भी इकट्ठा हुआ वह
विरोधस्वरूप डीएसडब्ल्यू को दे दिया गया है। छात्र संघ के महामंत्री निर्भय
द्विवेदी ने बताया कि छात्र संघ अध्यक्ष खुद दावा कर रहे हैं कि कार्यक्रम
में एक लाख लोग एकत्रित होंगे, ऐसे में यह तो पूरी तरह से राजनीतिक
कार्यक्रम है। छात्र संघ का बजट राजनीतिक कार्यक्रम पर खर्च नहीं होने दिया
जाएगा और ना ही छात्र संघ को किसी पार्टी के राजनीतिकरण में रंगने दिया
जाएगा। अफसोस इस बात का है कि सब कुछ जानते हुए भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय
प्रशासन ने कार्यक्रम को मंजूरी दी है।
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