अमरीष मनीष शुक्ला, इलाहाबाद । संगम नगरी में शनिवार को गंगा ग्राम सम्मेलन और स्वच्छता रथ यात्रा का शुभारंभ किया गया। इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व डिप्टी केशव मौर्य ने हरी झंडी दिखाकर 30 स्वच्छता रथों को रवाना किया। रथ यात्रा उत्तर प्रदेश के करीब 1800 गांवों में स्वच्छता जागरूकता के लिए पहुंचेगी। गंगा ग्राम सम्मेलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शादी-विवाह में बहुत फिजूल खर्च होता है। उसे बंद कर अगर गांव को स्वच्छ बनाने के लिए काम किया जाये तो निश्चित ही परिवर्तन होगा. कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने यूपी के ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रत्येक भूभाग में जो गंगा के किनारे बसे है। उनमें से 122 गांवों को ओडीएफ यानि की 'खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया।उन्होंने कहा कि ओडिएफ में बेहतर कार्य करनेवाले सम्मानित भी किये जाएँगे ।
यूपी का इलाहाबाद शहर गंगा ग्राम सम्मेलन की इस पहल का गवाह बना। कार्यक्रम में केंद्र सरकार के मंत्री के अलावा उत्तराखंड, झारखंड बिहार और पश्चिम बंगाल में गंगा के किनारे बसे 1651 गांवों के प्रतिनिधि और संबंधित जिलों के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री योगी ने यह भी कहा है की उनका टारगेट है की अगली बार ओडीएफ घोषित होने वालो की संख्या 4480 होगी और गांव गांव को स्वच्छता की लहर दौड़ेगी।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कार्यक्रम के दौरान कहा की गंगा इतनी अधिक प्रदूषित हो गई है, की अब दुनिया की सबसे अधिक 10 प्रदूषित नदी में गंगा का भी नाम है। सबसे अधिक प्रदूषण कानपुर में है। यहाँ गंगा का पानी सबसे ख़राब स्थिति में है। हमें मिलकर ही गंगा को अविरल निर्मल बना होगा। यह जान सहयोग से ही पूरा होगा। जब गंगा के किनारे गांव और शहर में स्वच्छता आयेगी तो गंगा भी स्वच्छ होने लगेंगी। क्योकि गंगा किनारे बसें शहरों और गावों से कई रूपों में गन्दगी गंगा में प्रवेश करती है।
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