अमरीष मनीष शुक्ल, इलाहाबाद।
बसपा नेता राजेश यादव की हत्या के मामले में पूछताछ के लिये उठाये गये
छात्रनेता अर्पित सिंह छोड़ दिये गये है। उसने खुद को इस मामले से दूर
बताया है। लेकिन अर्पित ने कयी नाम खोले है। ये ऐसे नाम हैं। जो मर्डर
वाली रात और घटना के समय वहां मौजूद बताये जा रहे है। पुलिस को दिये बयान
में अर्पित ने कहा है कि घटना के वक्त मौजूद नहीं था। वह हॉस्टल के कमरे
में जाकर सो गया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पुलिस का मानना है कि हॉस्टल के बाहर गोली चलाने वाले
अर्पित के साथी ही है। अर्पित अभी भी कुछ छिपा रहा है। अर्पित से पूछताछ
के बाद पुलिस ने संदिग्ध नामों का खुलासा किया है। जिसमें यूनिवर्सिटी का
चुनाव लड़ रहे छात्रनेता मृत्युंजय राव परमार, एनआईसीयू के नेता अनुभव सिंह
उर्फ दरोगा, जग्गा, विपिन कुमार, सचिन आदि नाम सामने आये है। ये सभी
संदिग्ध हैं। इनकी तलाश में छापेमारी चल रही है। वहीं पुलिस ने एक बार फिर
से राजेश को दोस्त आलोक यादव पूछताछ की है। पुलिस का मानना है कि घटना में
हर कोई कुछ न कुछ छिपा रहा है।
पुलिस के लिये सबसे बड़ी मुश्किल है कि
वह चाहकर भी हत्यारोपी डॉक्टर मुकुल सिंह को थाने नहीं ले जा पा रही है।
क्योंकि मुकुल पर सीधे हाथ डालने पर स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के साथ जिले
भर के डाक्टर बवाल और हड़ताल शुरू कर देंगे। ऐसे में पुलिस के सामने
संदिग्धों की धरपकड़ ही एकमात्र चारा नजर आ रहा है।
पुलिस
संदिग्ध छात्रों के नजदीकियों को उठाने लगी है। लगातार अब दबाव बनाया जा
रहा है। अभी तक यूनिवर्सिटी के हर हास्टल से किसी न किसी को पूछताछ के लिये
उठाया जा चुका है। जबकि प्रतापगढ़, जौनपुर, सुल्तानपुर और लखनऊ में
एसटीएफ संदिग्ध छात्रों के करीबियों को उठाया है।
पुलिस
जांच में पता चला है कि जब राजेश को गोली मारी गई तब ताराचंद हॉस्टल में
महामंत्री पद के उम्मीदवार अर्पित सिंह के कार्यालय खोलने की पार्टी चल रही
थी। जो लगभग खत्म होने को थी। यानी की छात्रों की भारी भीड़ तो कम हो गयी
थी। लेकिन नजदीकी अभी भी वहीं जमे हुये थे। सीसीटीवी फुटेज ने इसकी पुष्टि
एक तरह से कर दी है। यानी हत्या में छात्र शामिल थे। जिनमे अब संदिग्धों
तक पहुंचने के लिये पुलिस खाक छान रही है। विवेचक इंस्पेक्टर कर्नलगंज
अवधेश प्रताप सिंह ने कहा कि मामला अभी भी थोड़ा उलझा हुआ है। क्योकि पूछताछ
में हर कोई कुछ न कुछ नहीं बता रहा। लेकिन संदिग्धों के हिरासत में आने पर
सब साफ हो जायेगा
कोर्ट को आप ने राजनीतिक अखाड़ा बना दिया है, भारतीय न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश : शहजाद पूनावाला
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope