प्रयागराज । वार्षिक माघ मेला शुरू
होने में ठीक एक सप्ताह शेष है। वहीं मेला टाउनशिप में देखे गए एक घड़ियाल
ने क्षेत्र में काफी दहशत पैदा कर दी है।
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माघ मेला निर्माण परियोजनाओं में लगे श्रमिकों के एक समूह ने गंगा
नदी के तट पर एक पोंटून पुल क्षेत्र के पास दो फीट लंबे घड़ियाल के बच्चे
को देखा।
वन विभाग की एक टीम मौके पर पहुंची और उसे बचाया। टीम बच्चे को मिंटो पार्क स्थित अपने कार्यालय ले गई।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गंगा नदी घड़ियाल का प्राकृतिक आवास है।
मुख्य
वन अधिकारी (सीएफओ) रमेश चंद्र ने कहा कि वन विभाग की एक टीम ने गंगा के
किनारे त्रिवेणी मार्ग पोंटून पुल के पास घड़ियाल के एक बच्चे को बचाया है
जिसकी लंबाई लगभग दो फीट है।
उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि बचाए
जाने के बाद उसकी मौत हो गई। उसकी मौत का सही कारण जानने के लिए शुक्रवार
को उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा।
सीएफओ ने आगे कहा कि गंगा नदी घड़ियाल और डॉल्फिन का प्राकृतिक आवास है और वे कभी-कभी मानव आबादी वाले क्षेत्रों के पास आती हैं।
इस घटना ने कार्यकर्ताओं और आगंतुकों को उस समय स्तब्ध कर दिया जब माघ मेला का काम समय पर पूरा करने की तैयारी चल रही थी।
इससे
पहले तीन से चार घटनाएं हुई थीं जब करछना और मेजा तहसील के गांवों में
मगरमच्छ या घड़ियाल देखे गए थे। वन विभाग की टीमों ने उन्हें बचाकर गंगा
में छोड़ दिया था।
वन अधिकारियों ने बताया कि घड़ियाल मछलियां खाते
हैं और कई बार गहरे पानी में मछली पकड़ने के दौरान मछुआरों के जाल में फंस
भी जाते हैं।
अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि सरीसृप आमतौर पर आबादी वाले क्षेत्रों से बचते है।
संगम
के पास हनुमान मंदिर में एक मिठाई की दुकान चलाने वाले रामराज गुप्ता ने
कहा कि अगर घड़ियाल का एक बच्चा मिला है, तो बड़े घड़ियाल भी घटनास्थल के
पास होने की संभावना है। लाखों तीर्थयात्रियों के आने से पहले अधिकारियों
को पूरे क्षेत्र की तलाशी लेनी चाहिए। अगले हफ्ते माघ मेला है।
गुप्ता प्रतिदिन गंगा में डुबकी लगाते हैं और पिछले 40 वर्षों से इस प्रथा का पालन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हालांकि, मैं अगले कुछ दिनों तक पवित्र स्नान नहीं करूंगा क्योंकि मेरा परिवार आशंकित है।
घड़ियाल
केवल भारत और नेपाल के जल में ही जीवित रहते हैं। जीवित आबादी गंगा नदी
प्रणाली की सहायक नदियों के भीतर पाई जा सकती है जैसे गिरवा (उत्तर
प्रदेश), सोन (मध्य प्रदेश), रामगंगा (उत्तराखंड), गंडक (बिहार), चंबल
(उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान) और महानदी (ओडिशा)।
--आईएएनएस
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