प्रयागराज
। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार के धर्मातरण अध्यादेश
पर अंतरिम रोक लगाए जाने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने
कानून को चुनौती देने वाली कई जनहित याचिकाओं पर राज्य और अन्य को नोटिस भी
जारी किया है।
लव जिहाद की घटनाओं को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के धर्मातरण
अध्यादेश पर मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की
पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। उत्तर प्रदेश सरकार को चार
जनवरी तक विस्तृत जवाब दाखिल करना होगा। इसके बाद याचिकाकर्ताओंको अगले दो
दिनों में अपना हलफनामा दाखिल करना होगा। हाईकोर्ट में सात जनवरी को फिर
सुनवाई होगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पीठ ने हालांकि स्थगन आदेश के रूप में कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।
इस
प्रस्तावित कानून के तहत धर्म छिपाकर किसी को धोखा देकर शादी करने पर सजा
का प्रावधान है। शादी के लिए धर्मातरण को रोकने वाले इस विधेयक में
प्रावधान है कि लालच, झूठ बोलकर या जबरन धर्म परिवर्तन या शादी के लिए धर्म
परिवर्तन को अपराध माना जाएगा।
--आईएएनएस
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