अमरीश मनीष शुक्ला, इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में कार्यरत शिक्षामित्रों के लिए बड़ी खबर है । नया साल
उनके लिए खुशखबरी लेकर आया है। दूरस्थ शिक्षा माध्यम से बीटीसी प्रशिक्षण
प्राप्त करने वाले शिक्षामित्रों को अब सहायक अध्यापक की नौकरी मिल सकेगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है और सरकार से कहा है कि
15 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में शामिल उन शिक्षामित्रों को नियुक्ति पत्र
दिया जाए जिन्होंने दूरस्थ माध्यम से बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गौरतलब
है कि हाईकोर्ट के आदेश पर ही इस भर्ती में शामिल शिक्षामित्रों की
काउंसलिंग हुई थी, लेकिन इनका परिणाम घोषित नहीं किया गया। परिणाम घोषित
ना करने पर बाबू खान समेत अन्य ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की
जिस पर न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया
है।
क्या है मामला
उत्तर
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 15 हजार सहायक अध्यापक की भर्ती शुरू
हुई थी। उस समय कई शिक्षामित्रों ने 15 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में आवेदन
किया था। इन शिक्षामित्रों ने दूरस्थ माध्यम से बीटीसी का प्रशिक्षण
प्राप्त किया था और इसी आधार पर इन्होंने सहायक अध्यापक बनने के लिए आवेदन
किया था, लेकिन विभाग ने इन्हें काउंसलिंग में शामिल नहीं किया और दूरस्थ
माध्यम से बीटीसी का प्रशिक्षण को मान्य नहीं माना। काउंसलिंग में शामिल ना
किए जाने पर जब याची इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण में गए तो इलाहाबाद
हाईकोर्ट के आदेश पर शिक्षामित्रों की काउंसलिंग हुई, लेकिन विभाग ने एक
कदम और आगे बढ़ते हुए इसके परिणाम पर ही रोक लगा दी यानी परिणाम ही जारी
नहीं किया। जिस पर एक बार फिर से याचिका दाखिल हुई और हाईकोर्ट ने उन
शिक्षामित्रों का रिजल्ट जारी का नियुक्ति पत्र देने को कहा है जिन्होंने
दूरस्थ माध्यम से बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
एनसीटीआई ने दी है मान्यता
इलाहाबाद
हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार
मिश्र के सामने दलील दी गई कि जिस एनसीटीआई ने शिक्षामित्रों को दूरस्थ
माध्यम से प्रशिक्षण की अनुमति 14 जनवरी 2011 को दी थी यानी यह प्रशिक्षण
पूरी तरह से मान्य है और एनसीटीआई ने इसे मान्यता दी है। ऐसे में विभाग किस
आधार पर शिक्षामित्रों को काउंसलिंग में शामिल नहीं कर रहा था और अब शामिल
करने के बाद उनका रिजल्ट रोककर नियुक्ति क्यों नहीं दे रहा है। मामले में
सुनवाई के बाद याचिका निस्तारित करते हुए हाईकोर्ट ने रिजल्ट जारी कर
नियुक्ति करने का आदेश दिया है।
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