अमरीष मनीष शुक्ला ,इलाहाबाद । सीएम साहब! आज आप बेटियों की सफलता पर इतरा रहे हैं। बेटी
बचाओ-बेटी पढाओ के गुण गा रहे हैं । आपने यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में सफल
हुये सभी छात्र -छात्राओं को बधाई दी। लेकिन उस छात्रा का क्या, जो मरने के
बाद इंटर पास हुई है। उस बेटी को आप कैसे सम्मानित करोगे। उसके साथ हुई
हैवानियत और हत्या के गुनाहगार आज भी आजाद हैं। आप ही बताये ये बधाई उस
बेटी य उसके बचे भाई-बहन के किस काम की। आखिर बेटी बचाओ-बेटी पढाओ' का कैसा
गुणगान ? ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अगर याद न हो आपको तो याद दिला दूं इलाहाबाद के जूड़ापुर शाहपुर गांव में एक
ही परिवार के चार लोगों की हत्या हुई थी। जिसमें दो बेटियों से हैवानियत
के बाद कत्ल किया गया था। उनमें से ही एक बेटी मीनाक्षी थी। जो 88
प्रतिशत अंकों के साथ इंटरमीडिएट परीक्षा में सफल हुई है। तब आपने गहरा दुख
व्यक्त किया था। कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया था। आपके उपमुख्यमंत्री केशव
मौर्य खुद भी गांव पूरे लाव-लश्कर के साथ पहुंचे थे। वारदात में बचे
भाई-बहन आपके लखनऊ भी गये थे। लेकिन इस सब क्या फायदा। मीनाक्षी ने जो किया
था उसका परिणाम तो बोर्ड ने जारी कर दिया। पर अभी तक आपका बोर्ड मीनाक्षी
और उसके परिजनों के गुनहगारों को नहीं ढूंढ सका। सच आज भी अंधेरे में है।
यह बातें कह रहे थे मीनाक्षी की बड़ी बहन व भाई बबिता और रंजीत। शुक्रवार
को जब बोर्ड का रिजल्ट आया तो उसमें मीनाक्षी का भी परिणाम था। मीनाक्षी 88 फीसदी अंकों से पास हुई थी। इस बात पर जिंदा बचे भाई-बहन गर्व करते य टूटकर
रोते। शायद उन्हेंं खुद नहीं समझ आ रहा था। दोनों भाई बहन बिलख बिलख कर बहन को
याद करते रहे और सरकार व उसके नुमाइंदों से सवाल करते रहे।
सवाल भी वहीं है कि मीनाक्षी का 88फीसदी अंक क्या उसके गुनाहगारों को सजा दिला
पायेगा, क्या अब मीनाक्षी को न्याय मिलेगा ? मरने के बाद 88 फीसदी अंक से इंटर
पास हुई मीनाक्षी के लिये भी क्या सीएम योगी कुछ करेंगे? । क्या अब
मीनाक्षी के हत्यारे जेल में होंगे ?
क्या है मामला
इलाहाबाद के नवाबगंज थानांतर्गत जूड़ापुर शाहपुर गांव में 23 अप्रैल 2017
की रात किराना व्यवसायी मक्खन लाल के परिवार की बेरहमी से हत्या कर दी गई
थी। मक्खन लाल व उसकी पत्नी का गला रेत दिया गया था। जबकि दोनों बेटियों
से हैवानियत के बाद उन्हे भी मार दिया गया था।
वारदात के दिन मक्खन की एक बेटी बबिता व एक एकलौता बेटा रंजीत घर में नहीं
थे। इसलिए दोनों की जान बच गई थी। सुबह रक्तरंजित शव मिलने के बाद पूरे
सूबे में हड़कंप मच गया था।
मीनाक्षी का सपना था आईएएस
मीनाक्षी की बड़ी बहन बबिता ने बताया कि मीनाक्षी हम सब भाई-बहन में सबसे
तेज थी। उसका पढाई में बहुत मन लगता था। हाईस्कूल में भी उसने इलाके में
सबसे ज्यादा नंबर पाये थे। हमारे माँ बाप ने तो बेटियों को पढ़ाया लेकिन सरकार बेटी नहीं बचा सकी ।अब
एक बेटी अपील कर रही है कि सरकार हमारे माता-पिता व बहनों के कातिलों को
खोज कर सजा दे और हम सब को इंसाफ।
रोते हुये बबिता ने कहा कि मीनाक्षी का सपना था कि वह आईएएस बने। इसलिए वह
बहुत पढती थी। अब वह इंटर में इतने अच्छे अंक ले आई है। लेकिन वह सब किस
काम का।
उत्तर प्रदेश में भीषण सड़क हादसा, 8 लोगों की दर्दनाक मौत
नकली भारतीय करेंसी मामले में तीन आरोपियों को पांच साल की जेल
गुजरात के मुख्यमंत्री ने दमनगंगा-पार-तापी-नर्मदा लिंक परियोजना को रद्द करने की घोषणा की
Daily Horoscope