इलाहाबाद। "तारीख पर तारीख, तारीख पर
तारीख, तारीख पर तारीख मिलती रही है... जज साहब, लेकिन आज तक इंसाफ नहीं मिला... मिली है तो सिर्फ ये तारीख..... बालीवुड अभिनेता सनी देओल का यह फेमस
डायलाग तो अपने सुना होगा। कि कैसे वह भरी अदालत मे जज के सामने अपना रौबीला अंदाज जिरह के रूप दे रहे थे। लेकिन यह रील लाइफ थी। रियल लाइफ
में ऐसा ही रौबीला अंदाज दिखाकर जज को हड़काना वकील को
महंगा पड़ गया। वकील साहब ने पहले तो जज से अभद्रता की और फिर रौबीले अंदाज में काम
भी नहीं करने दिया। फिर क्या था फिल्म की तरह जज साहब बैठकर सब सुनने वाले थोड़ी न
थे। उन्होंने वकील के खिलाफ कार्रवाई के लिये लिखा-पढी कर दी और अब वकील साहब को कुछ दिन जेल की हवा
खानी पड़ेगी।
हाईकोर्ट के न्यायाधीशों पर लगा दिये आरोप
न्यायिक अधिकारी के साथ अभद्रता करने तथा न्यायिक कार्य में
व्यवधान डालने के आरोप में जिला न्यायाधीश ने आपराधिक अवमानना रिफेरेंस भेजा तो
हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति अरूण टंडन तथा न्यायमूर्ति राजुल भार्गव की खण्डपीठ ने
सुनवाई शुरू की। पर वकील साहब यहां भी पूरे रौब में रहे और
हाईकोर्ट के जजों पर ही कई गंभीर आरोप मढ दिए। फिर क्या था?
वकील साहब को आपराधिक अवमानना का
दोषी करार दिया गया और दो माह के साधारण कारावास तथा बीस हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई गयी। अगर जुर्माना जमा नहीं
भरा जाता है तो दो हफ्ते की अतिरिक्त सजा भी वकील को भुगतनी
पड़ेगी।
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