इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद सपा कालीन अधिकारियों व महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी संभाल रहे माननीयों के इस्तीफे का क्रम लगातार जारी है। शनिवार को साथी कमल सिंह के इस्तीफे के बाद यूपी के एक और अपर महाधिवक्ता अशोक कुमार पाण्डेय ने भी इस्तीफा दे दिया। सोमवार को पाण्डेय ने अपना इस्तीफा राज्यपाल राम नाईक को भेज दिया।
याद दिला दें कि इससे पहले योगी सरकार ने महाधिवक्ता पद पर अपने पूर्व सांसद को उतार दिया था। जिसके बाद से ही साथ काम कर रहे अपर महाधिवक्ता मजबूर होकर बैक होने लगे। कमल सिंह यादव के इस्तीफे के बाद पाण्डेय से काफी उम्मीदें थी कि वह योगी सरकार के साथ काम करेंगे। लेकिन साथियों के पद छोड़ने का सही निर्णय बताते हुये अशोक पाण्डेय ने भी इस्तीफा दे दिया है।
2014 में हुई थी नियुक्ति
सूबे में अशोक कुमार पाण्डेय को 27 जनवरी 2014 को बतौर अपर महाधिवक्ता नियुक्ति मिली थी। उन्होंने अपने 3 साल के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण मुकदमों में सरकार का पक्ष रखा। उपलब्धि में खनन का पट्टा रद्द कराना सबसे महत्वपूर्ण रहा। जब रानी शंकरगढ़ के पक्ष में आजादी से पहले से जारी बालू-खनन पट्टा को कोर्ट से खत्म करा सरकार को करोड़ों के राजस्व का फायदा कराया था। फिलहाल अशोक पाण्डेय ने अपने इस्तीफे कारण सबकी तरह व्यक्तिगत ही बताया है।
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