अलीगढ। अलीगढ में ढाई साल की निर्मम हत्या के मामले में एक एसआईटी का गठन कर दिया गया है। इसी के साथ उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत अलीगढ मर्डर केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित करने का फैसला किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने बताया कि पुलिस अधीक्षक ग्रामीण क्षेत्र (एसपीआरए) के तहत गठित एसआईटी। फोरेंसिक विज्ञान टीम, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और विशेषज्ञों की एक टीम भी एसआईटी में फास्ट ट्रैक आधार पर जांच करने के लिए। मामले में POCSO एक्ट भी रहेगा।
क्या है मामला...
ढाई साल की बच्ची को बिस्कुट के लालच में बुलाया और उसकी हत्या कर दी गई। हत्यारों ने मासूम की आंखें निकाल ली और उसके शरीर में तेजाब डालकर तीन दिन तक बोरे में भरकर घर में रखा। बाद में मासूम की लाश को कचरे के डिब्बे में फेंक दिया, ताकि कुत्ते उसके शरीर को नोचकर खा जाएं। यह बच्ची घर से 30 मई को लापता हो गई थी, जिसके बाद उसके परिजनों ने उसे बहुत खोजा लेकिन वह कहीं नहीं मिली। इसके बाद परिजन थाने गए तो पुलिस ने 31 मई को गुमशुदगी दर्ज की।
बच्ची के माता-पिता ने आरोपियों से पचास हजार रुपए उधार लिए थे जिसमें से चालीस हजार रुपए वापस दे दिए थे। केवल दस हजार रुपए का लेनेदेन बाकी रह गया था।
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