आगरा । जम्मू और कश्मीर छात्र संघ ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में टी 20 विश्व कप
के बाद सोशल मीडिया पर कथित रूप से 'पाकिस्तान समर्थक' चैट पोस्ट करने के
लिए आगरा में बुक किए गए तीन कश्मीरी छात्रों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप और
प्राथमिकी को हटाने की मांग की गई है।
एक बयान के अनुसार, एसोसिएशन ने आगरा में कॉलेज से उनके निलंबन को रद्द
करने की भी मांग की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता नासिर खुहमी ने कहा कि छात्रों के खिलाफ कार्रवाई पूरी तरह से अनुचित थी।
खुहमी
ने कहा कि देशद्रोह और एफआईआर उनके कृत्य के लिए बहुत कठोर दंड हैं और
उनके करियर को बर्बाद कर देगा। मात्र व्हाट्सएप चैट के आधार पर इन कठोर
आरोपों से उनके करियर पर गंभीर असर पड़ेगा और लंबे समय तक उन्हें उसके
गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
सोशल मीडिया संदेशों ने भले ही
लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई हो, लेकिन हमें कठोर फैसलों पर
प्रतिक्रिया देने के बजाय उन तक पहुंचने और उन्हें सलाह देने की जरूरत है।
बेशक उन्होंने गलती की है, लेकिन हमें उम्मीद है कि उन्हें पढ़ाई पर लौटने
का मौका दिया जाएगा। देश के व्यापक हित में उनका भविष्य नष्ट नहीं होना
चाहिए। दूसरे राज्यों में जाने वाले छात्र गंभीर अध्ययन के लिए ऐसा करते
हैं। उन्होंने कहा कि उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव यूनुस राशिद ने भी कहा कि सरकार को छात्रों को मौका देना चाहिए और उन्हें माफ कर देना चाहिए।
राशिद
ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मानवीय आधार पर इस मुद्दे को हल करने के
लिए त्वरित कदम उठाने और छात्रों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप और प्राथमिकी
रद्द करने का अनुरोध किया, ताकि उनका भविष्य खतरे में न पड़े।
--आईएएनएस
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