आगरा । उत्तर प्रदेश की राज्य स्तरीय सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनिटरिंग कमेटी ने
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) (National Green Tribunal) को आगरा (Agra) व मथुरा (Mathura) नगर निगम (municipalities) पर 2.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कमेटी ने यह सिफारिश इन नगर निगमों द्वारा निर्धारित वैज्ञानिक मानदंड के अनुसार ठोस कचरे का निपटान करने में असफल रहने की वजह से की है।
कमेटी में सेवानिवृत्त न्यायाधीश, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के वैज्ञानिक शामिल हैं। इन्होंने दोनों शहरों में जुलाई की शुरुआत में लैंडफिल साइट का निरीक्षण किया था।
कमेटी ने एक व्यापक रिपोर्ट एनजीटी को दी है। इसने ठोस कचरे के निपटान में असफल रहने पर मथुरा नगर निगम से 1.7 करोड़ रुपये जुर्माना वसूलने का सुझाव दिया है।
रिपोर्ट में एनजीटी को सुझाव दिया गया है कि वह आगरा नगर निगम को छह महीने के भीतर कुबेरपुर लैंडफिल साइट को साफ करने का निर्देश दे, जो कि प्रिवेंशन ऑफ एयर एंड वाटर एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन कर रहा है, या 20,000 रुपये प्रतिदिन जुर्माने का भुगतान करे। यह जुर्माना 2010 से लागू होगा।
एनजीटी को इन सिफारिशों पर अंतिम फैसला लेना है।
(आईएएनएस)।
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