आगरा। ताजनगरी में रिश्ते तार-तार करते हुए कारोबारी के चार साल के बेटे की हत्या उसकी सगी चाची ने ही की थी। वह उसे दूसरी मंजिल पर अपने कमरे में ले गई और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को बोरे में रखकर घर के पीछे खाली प्लॉट में फेंक दिया। आगरा के एत्मादपुर के गणेश नगर में सर्राफा कारोबारी श्रीभगवान वर्मा रहते हैं। उनके दो बेटी और सबसे छोटा चार साल का बेटा आशु है। वह एत्मादपुर के ही केएस पब्लिक स्कूल में केजी में पढ़ता था। शुक्रवार दोपहर को वह अचानक घर के बाहर से लापता हो गया था। रात दस बजे जैसे ही बिजली आई, आशू के चाचा रंजीत की नजर घर के पास ही खाली पड़े प्लॉट में एक बोरी पर पड़ी। उसने पास जाकर देखा तो बोरी से बच्चे के पैर बाहर निकल रहे थे। बोरी खोलकर देखी गई तो उसमे आशू का शव पाया गया।
उसके सिर पर चोट के निशान थे जहां खून निकल रहा था। श्री भगवान वर्मा और उसका भाई रंजीत एक ही घर में रहते हैं। 15 दिन पहले परिवार में हिस्सा बांटने को लेकर विवाद हो गया था। श्री भगवान वर्मा और उनकी पत्नी ने रंजीत की पत्नी डौली से अपशब्द कहे थे, जिससे डौली खफा थी।
दोपहर में आशु की चाची डौली आशु को अपने साथ दूसरी मंजिल पर अपने कमरे में ले गर्इ व उसे अपने पास सुला लिया। इसके बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद उसके शव को बोरे में रखकर घर के पीछे खाली प्लाट में फेंक दिया। डौली के दो बेटे हैं। हत्याकांड की जांच के लिए शनिवार की सुबह नौ बजे पुलिस फोरेंसिक टीम को बुलाया गया। टीम ने पहले घटनास्थल का निरीक्षण किया उसके बाद डौली का कमरा देखा। जहां कहीं कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद टीम ने थाने पहुंचकर डौली के नाखूनों की जांच की तो पाया कि बच्चे के चेहरे पर खरोंच का निशान था। उसकी कोमल त्वचा हत्या करने वाले के नाखून में फंसी है।
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