आगरा। गरीबी और लाचारी बहुत बुरी बला है। यह इंसान से क्या-क्या करने को मजबूर कर देती है, हम सोच भी नहीं सकते। ऐसी परिस्थिति से एक महिला को गुजरना पड़ा, जब तीन मासूम बच्चों और उसको अकेले छोड़ पति चल बसा और उसके पास पति के अंतिम संस्कार के लिए एक पाई भी नहीं। ऐसे में उसे पति के अंतिम संस्कार के लिए अपने बेटे को 2 हजार रुपए के लिए गिरवी रखना पड़ा। यह मामला आगरा में उस सामने आया है जब दीमापुर की रहने वाली रीता नाम की इस महिला को अपने दो बच्चों को नाली का पानी पिलाते देखा तो लोगों ने उसे बुरी तरह से डांटा। जब लोगों का गुस्सा शांत हुआ तो उसने 20 साल की इस युवती ने अपनी दास्तां लोगों को बयां की तो उनका भी दिल भर आया।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उसने बताया कि वह दीमापुर में चाय के बागान में काम करती थी, उसके तीन बेटे हैं। कुछ दिन पहले ही बीमारी की वजह से पति की मौत हो गई थी। उसकी माली हालत काफी खराब थी और अंतिम संस्कार तक के पैसे नहीं थे। जब अंतिम संस्कार की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी, तो उसने नागालैंड के रहने वाले एक महाजन से 2 हजार रुपए उधार मांगे और वादा किया कि वह मेहनत-मजदूरी करके पैसे वापस कर देगी लेकिन महाजन एक बेटे को गिरवी रखने की शर्त मानने पर रुपये देने को राजी हुआ। घर में पति की लाश पड़ी थी और रीता की मदद करने वाला कोई नहीं था। मजबूरी में उसने अपने बेटे को गिरवी रख दिया और पति का अंतिम संस्कार करने के बाद वह देवर के साथ अपनी 3 साल की बेटी और डेढ़ साल के बेटे को लेकर काम की तलाश में आगरा पहुंच गई।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड : पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, मांगी 14 दिनों की रिमांड
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली, चौथे आरोपी की हुई पहचान
हर चुनाव में ईवीएम का दुरुपयोग होता रहा है : कपिल सिब्बल
Daily Horoscope