आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद में एक बार फिर भूमाफियाओं के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं। मामला तहसील फतेहाबाद के मौजा मेवली कला गांव का है, जहां यमुना नदी के तीर की जमीन पर भूमाफियाओं ने ग्राम प्रधान और राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से कब्जा कर लिया है।
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पीड़ित किसान ने आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधान की साजिश के तहत उसकी खड़ी फसल को जबरन काट कर ले जाया गया, और जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया। बताया जा रहा है कि यह पूरी कार्रवाई ग्राम प्रधान और दो लेखपालों की मिलीभगत से की गई है।
सरकारी जमीन को पट्टे पर दिखाकर ग्राम प्रधान और लेखपालों ने कई लोगों को ज़मीन अलॉट की, जिससे राजस्व विभाग को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। यह जमीन सरकारी संपत्ति की श्रेणी में आती है, लेकिन निजी स्वार्थ के चलते अधिकारियों ने सिस्टम को ही चूना लगा दिया।
पीड़ित किसान ने इस अन्याय के खिलाफ राजस्व विभाग के सक्षम अधिकारियों को शिकायती प्रार्थना पत्र सौंपा है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीड़ित का आरोप है कि प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद भी भूमाफियाओं के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
यह मामला न केवल एक किसान के साथ अन्याय का है, बल्कि यह प्रशासनिक तंत्र में भ्रष्टाचार और मिलीभगत की गहरी साज़िश को भी उजागर करता है।
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