आगरा। सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के पास बहुमंजिला पार्किंग क्षेत्र के निर्माण पर लगी रोक हटाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पर्यटकों के ताजमहल तक पैदल चलकर जाने में कोई नुकसान नहीं है। न्यायालय ने इस ऐतिहासिक इमारत की सुंदरता के बचाव और संरक्षण के लिए कोई विस्तृत नीति नहीं बनाने पर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि हमें सतत विकास की जरूरत है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जस्टिस एमबी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने ताज ट्रेपेजियम जोन प्राधिकरण को नोटिस जारी कर पूछा कि क्या उसकी न केवल पर्यावरण के नजरिये से बल्कि अन्य पहलुओं से भी ताजमहल के संरक्षण की कोई विस्तृत कार्य योजना है। पीठ ने जोन प्राधिकरण से यह भी बताने को कहा कि वह उम्मीद के अनुसार हर दो महीने में बैठक क्यों नहीं कर रहा है। यह जोन उत्तर प्रदेश के आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा तथा राजस्थान के भरतपुर जिलों में फैला करीब 10400 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है।
प्रदेश सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उसके पास ताजमहल के पूर्वी द्वार से एक किलोमीटर की दूरी पर बहुमंजिला पार्किंग के निर्माण की सभी जरूरी अनुमति मौजूद है। अगर इसे बनाने की अनुमति नहीं दी गई तो पर्यटकों के लिए मुश्किल होगी।
पीठ ने कहा डेढ़ किलोमीटर के आगे पार्किंग क्षेत्र क्यों नहीं बना सकते? पर्यटक स्मारकों तक पैदल चलकर जा सकते हैं। मेहता ने कहा कि अगर पार्किंग क्षेत्र नहीं बनाया गया तो यातायात अवरुद्ध होगा। इससे पर्यटकों को असुविधा होगी। इस पर पीठ ने कहा, विदेशी पर्यटकों के बारे में चिंता मत कीजिए, वे पैदल चलना पसंद करते हैं। इस मामले में अग्रिम सुनवाई 8 दिसंबर को होगी।
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