आगरा। जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक काफिले पर हुए आतंकी हमले के विरोध में उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में कई दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान शनिवार सुबह बंद रहे। इस हमले में 49 जवान शहीद हुए हैं। लोगों के समूह बाजारों व इलाकों में पाकिस्तानी नेताओं के खिलाफ नारेबाजी करते हुए निकले और उन्होंने उनके पुतले व पाकिस्तानी झंडा भी जलाया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसबीच, कहरई गांव के निवासी सीआरपीएफ जवान कौशल कुमार रावत की अंतिम यात्रा में कैबिनेट मंत्री एस.पी. सिंह बघेल, भारतीय जनता पार्टी के कई नेता और वरिष्ठ जिला अधिकारियों सहित हजारों की तादाद में लोग उमड़े। उनका पार्थिव शरीर तड़के ही यहां पहुंचा था।
रावत के परिवार ने मीडिया को बताया कि उनकी केवल यही आशा है कि उनकी शहादत व्यर्थ न जाए और दुश्मन को इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। नई दिल्ली में एक निजी विमानन कंपनी में कार्यरत उनकी बेटी अपूर्वा ने कहा कि दो दिन पहले ही फोन पर उसने अपने पिता से बात की थी। रावत के बाद उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटी और एक बेटा रहा गया है। उनका हाल ही में तबादला हुआ था और वह सिलीगुड़ी से श्रीनगर जा रहे थे, जब यह हादसा हुआ। परिवार के सदस्यों ने गांव में स्मारक बनाने के लिए जमीन की पेशकश की है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के 12 जवानों के प्रत्येक परिवार को 25-25 लाख रुपये और घर के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है। राज्य के 12 जवान इस आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं।
(आईएएनएस)
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