• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

नई खरीद नीति से आगरा में 35 इकाइयां बंद, हजारों जूता कामगारों की नौकरी गई

35 units closed in Agra due to new procurement policy, thousands of shoe workers lost their jobs - Agra News in Hindi

आगरा । आगरा के लगभग पांच हजार प्रशिक्षित जूता कामगार अब बिना काम के हैं, क्योंकि कुछ साल पहले कई सरकारी विभागों द्वारा खरीद नीति में बदलाव के बाद 35 से अधिक चमड़े के जूतों की इकाइयां बंद हो गई हैं।

आगरा भारत में चमड़े के जूतों के उद्योगों का सबसे बड़ा केंद्र है और यहां से उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा निर्यात होता है। यह उद्योग 2.5 लाख से अधिक प्रशिक्षित हाथों को रोजगार देता था।

सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक एजेंसियों के लिए 80 प्रतिशत से अधिक जूते आगरा में निर्मित होते हैं। एक औद्योगिक सलाहकार कहते हैं, "मुगल काल से ही आगरा पूरे भारत में फुटवियर का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है।"

बूट मैन्युफैक्च रिंग एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा, "आपूर्ति और निपटान महानिदेशालय (डीजीएसएंडडी) और अन्य सरकारी निकायों द्वारा खरीद नीतियों में हालिया बदलाव ने आगरा के उद्योगों को बुरी तरह प्रभावित किया है।"

एसोसिएशन के सचिव अनिल महाजन ने कहा, "सरकार की नीतियां अब हजारों श्रमिकों को रोजगार देने वाली छोटी इकाइयों की कीमत पर केवल बड़े व्यापारिक घरानों और इकाइयों को बढ़ावा दे रहा है। यह आगरा, कानपुर और कोलकाता में छोटी इकाइयों के हितों के लिए हानिकारक साबित हुआ है।"

एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने कहा, "सरकारी एजेंसियों द्वारा केवल 200 रुपये कीमत के जूते 600 रुपये से अधिक में खरीदे जा रहे थे।"

मशीनीकृत इकाइयों को महत्व दिया जा रहा है, क्योंकि गुणवत्ता के मामले में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। गुप्ता ने दावा किया कि हाथों से बने जूते उतने ही अच्छे होते हैं, जितने कि मशीनों द्वारा बनाए हुए।

स्थानीय जूता निर्माताओं ने कहा, "एक तरफ केंद्र सरकार रोजगार क्षमता बढ़ाना चाहती है, दूसरी तरफ दोषपूर्ण नीतियां छोटी श्रम प्रधान इकाइयों को बंद करने के लिए मजबूर कर रही हैं।"

एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि सरकारी एजेंसियां बड़ी फर्मो से जूते खरीद रही हैं।

महाजन ने आईएएनएस से कहा, "यह सब गलत खरीद नीतियों के कारण हुआ है। वास्तव में कोई भी डीजीएसएंडडी और एनसीसी सहित कई अन्य सरकारी विभागों द्वारा खरीद नीति में अचानक बदलाव की जरूरत को स्पष्ट नहीं कर पाया है।"

हालांकि, जूता उद्योग के सलाहकार डॉ. अभिनय प्रसाद ने आईएएनएस को बताया, "असली समस्या नवीनतम तकनीक और उन्नयन के साथ तालमेल बिठाना है। राष्ट्रीय स्तर पर आगरा के लिए एक अलग स्टैंड-अलोन एमएसएमई नीति नहीं हो सकती है। मुझे इस तर्क पर आश्चर्य है कि राष्ट्रीय नीति दिल्ली और अन्य शहरों के पक्ष में है, लेकिन आगरा के नहीं।"

उन्होंने कहा, "अगर कोई नीति आगरा के लिए अनुपयुक्त है, तो वास्तविक समस्या निर्माताओं के साथ है, नई चुनौतियों और मांगों के जवाब में अनुकूलन और परिवर्तन करने में उनकी विफलता। वे बेरोजगारी के बारे में भय पैदा करने और जाति भय को भड़काने का भावनात्मक कार्ड खेल रहे हैं। प्रभावित आगरा इकाइयों को तुरंत प्रौद्योगिकी का उन्नयन करना चाहिए और अपनी मानसिकता को बदलना चाहिए। आम तौर पर ये छोटी इकाइयां सदियों पुरानी प्रथाओं में डूबी रहती हैं और परिवर्तन का विरोध करती हैं।"

--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-35 units closed in Agra due to new procurement policy, thousands of shoe workers lost their jobs
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: shoe workers, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, agra news, agra news in hindi, real time agra city news, real time news, agra news khas khabar, agra news in hindi
Khaskhabar UP Facebook Page:
स्थानीय ख़बरें

उत्तर प्रदेश से

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2023 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved