अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने बुधवार को स्वतंत्रता दिवस पर दिया गया अपना भाषण प्रसारित न करने को लेकर सरकारी प्रसारणकर्ता प्रसार भारती की निंदा की और इसे अलोकतांत्रिक, तानाशाही और असहिष्णु कदम करार दिया। राज्य में विपक्षी दल कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री का भाषण प्रसारित न करने को लेकर प्रसार भारती की आलोचना की है, जबकि राज्य में अगली सरकार बनाने की आस लगाए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रसार भारती का बचाव किया है। इधर, प्रसार भारती ने भी सभी आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। प्रसार भारती की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि कुछ न्यूज रिपोर्ट्स में कहा गया है कि प्रसार भारती और दूरदर्शन ने त्रिपुरा के सीएम के स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम की कवरेज नहीं की। त्रिपुरा के दूरदर्शन मुख्यालय के प्रमुख यूके साहू की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, मैं बताना चाहता हूं कि अगरतला स्थित दूरदर्शन के लोकल स्टेशन की न्यूज यूनिट ने सीएम की पब्लिक स्पीच की अच्छी-खासी कवरेज की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने बताया कि 15 अगस्त को दूरदर्शन ने सीएम के कार्यक्रम और उसकी रिपोर्ट 29 मिनट और 45 सेकंड तक चलाई। इसमें से सीएम की स्पीच करीब 12 मिनट की थी। यह टेलिकास्ट शाम 7 बजे हुआ। इस कार्यक्रम का पुन: प्रसारण बुधवार (16 अगस्त 2017) को भी शाम 4.45 पर हुआ। इसके अलावा सीएम के भाषण की कवरेज त्रिपुरा के जिलों के स्थनीय न्यूज बुलेटिन में भी की गई है।
माकपा ने की प्रसार भारती के फैसले की कड़ी निंदा
माकपा के राज्य सचिव बिजान धर ने मीडिया से कहा, आज (बुधवार को) वाम मोर्चा के नेताओं ने बैठक की और प्रसार भारती के फैसले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि यह कदम बताता है कि कैसे केंद्र की भाजपा सरकार के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश के सभी शीर्ष संस्थानों को नियंत्रित कर रहा है। माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य धर ने कहा, इससे त्रिपुरा की जनता का अपमान हुआ है।वाम मोर्चा ने राज्य में लोगों से प्रसार भारती के इस अलोकतांत्रिक एवं तानाशाही फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शित करने का आह्वान किया है।
कांग्रेस ने मोदी पर बोला हमला
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष तापस डे ने कहा, जो लोग 1975 में आपातकाल लगाए जाने का विरोध कर रहे थे, वे इसे अब लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। डे ने यहां पत्रकारों से कहा, यह असहिष्णुता और तानाशाही की निशानी है। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब वे इस तरह की हर चीज के लिए केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की आलोचना करते थे और अब केंद्र में खुद उनकी सरकार एक दूसरे राज्य के निर्वाचित मुख्यमंत्री की आवाज दबा रही है।
बीजेपी ने किया प्रसार भारती का बचाव
वहीं, भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता मृणाल कांति देब ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात की समझ ही नहीं है कि कब और कहां क्या बोलना चाहिए। देब ने कहा, स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय महत्व वाले दिन मुख्यमंत्री के भाषण में राष्ट्रीय एकता, राष्ट्रीय सुरक्षा, शांति एवं विकास की बात होनी चाहिए। राष्ट्रीय दिवस पर दिए भाषण में वह केंद्र सरकार की आलोचना नहीं कर सकते।
माणिक सरकार ने लगाया यह आरोप
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