अगरतला। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पूर्वोत्तर से शुरू हुए आंदोलन की आग अब पूरे देश में फैल गई है, लेकिन पूर्वोत्तर के राज्यों में फिलहाल अपेक्षाकृत शांति बनी हुई है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब का कहना है कि केंद्र सरकार की सूझबूझ के कारण देश के इस हिस्से में शांति कायम हो पाई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने यहां मीडिया से बातचीत में बताया कि पूर्वोत्तर, खासकर त्रिपुरा के लोगों के मन में जो डर और समस्याएं घर कर गई थीं, उसका बातचीत के जरिए समाधान किया गया। हमने उन्हें बताया कि यह कानून उनके लिए है, जो 2014 से पहले ही भारत आ गए हैं। इस कानून में किसी नए शरणार्थी को नागरिकता नहीं मिलने जा रही है। इससे किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। यह सिर्फ नागरिकता देने वाला कानून है।
बिप्लब ने कहा कि इसके अलावा हमने इस कानून के प्रति स्थानीय नागरिकों के मन में जो भ्रम था, उसे दूर किया। केंद्र सरकार ने इसमें हमारी काफी मदद की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रतिदिन सुबह और शाम दो बार बातचीत करते थे। वे उत्तर पूर्व के सभी मुख्यमंत्रियों से इस बाबत बात करते थे। प्रधानमंत्री मोदी हर दिन फीडबैक लेते थे और बताते थे कि कैसे लोगों को समझाना है।
असम और त्रिपुरा में प्रदर्शनों का सिलसिला कई दिनों तक चला। कई जगहों पर प्रदर्शन हिंसक भी हो गया। इस आंदोलन की जद में मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई स्थानीय नेता भी आए। कई राजनेताओं के घरों में आग लगा दी गई। फिलहाल, पूर्वोत्तर के राज्यों में देश के अन्य भागों की बनिस्बत शांति है।
दिल्ली के शाहीनबाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने कहा, नागरिकता कानून शाहीनबाग के लोगों की असल समस्या है ही नहीं। फिर समाधान कैसे होगा..बीमारी का इलाज टैबलेट से होता है, और यदि बीमारी हो ही ना, तो फिर इलाज किस चीज का होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, कुछ फिल्मी कलाकार शाहीनबाग के साथ जरूर हैं, लेकिन देश तो मोदी जी के साथ है।
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