अगरतला। त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार सहित मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के आठ वरिष्ठ नेताओं को बुधवार को यहां की एक अदालत ने जमानत दे दी। पिछले साल अगस्त में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के दौरान कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। अतिरिक्त लोक अभियोजक विद्युत सूत्रधर ने कहा कि पुलिस ने पिछले साल 26 अगस्त को यहां एक सभा आयोजित करने, प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने और कोविड-19 महामारी से संबंधित सरकारी प्रतिबंधों के लिए कई पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सरकार और सात अन्य वरिष्ठ माकपा नेताओं को गिरफ्तार किया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सरकार ने जमानत मिलने के बाद मीडिया से कहा, "वाम दल भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ अपने राष्ट्रव्यापी आंदोलन के हिस्से के रूप में और श्रम अधिनियम को वापस लेने सहित 16 मांगों के समर्थन में विरोध रैली का आयोजन किया गया था और बाद में पुलिस ने हमें गिरफ्तार कर लिया था।"
पुलिस ने कई माकपा नेताओं के खिलाफ नोटिस दिया और अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। सरकार ने कहा, वे लोगों के कारणों को उजागर करना और भाजपा सरकार की 'जनविरोधी' नीतियों के खिलाफ लड़ना जारी रखेंगे।
अदालत ने जिन अन्य माकपा नेताओं को जमानत दी है उनमें पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य बादल चौधरी, पूर्व बिजली मंत्री माणिक डे, पूर्व उपाध्यक्ष पबित्रा कर, पूर्व लोकसभा सांसद शंकर प्रसाद दत्ता और पार्टी नेता कृष्णा रक्षित, राणा दास और मधुसूदन दास शामिल हैं। (आईएएनएस)
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