हैदराबाद । तेलंगाना के श्रम और रोजगार मंत्री मल्ला रेड्डी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने उनके और उनके परिवार के सदस्यों पर आयकर (आईटी) द्वारा छापेमारी करवाई, क्योंकि उन्हें डर था कि टीआरएस देश भर में अपनी गतिविधियों का विस्तार करने के लिए बीआरएस बन जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मल्ला रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि उनके, उनके बेटों, परिवार के अन्य सदस्यों और उनके द्वारा चलाए जा रहे संस्थानों पर आयकर विभाग के छापे उन्हें और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार को निशाना बनाने के लिए भाजपा की साजिश का हिस्सा थे।
आईटी छापे को एक राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए, उन्होंने आरोप लगाया कि टीआरएस द्वारा हाल ही में अपना नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) करने का फैसला करने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार डर गई थी, ताकि अन्य राज्यों में विस्तार किया जा सके।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर रेड्डी ने पहले ही मंत्रियों और विधायकों से कहा था कि आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों द्वारा छापे मारे जा सकते हैं और उन्हें सलाह दी कि वे केंद्र द्वारा इस तरह की कार्रवाई से डरें नहीं।
मल्ला रेड्डी ने स्पष्ट किया कि वह भाजपा की साजिश से डरेंगे नहीं और केसीआर के साथ बने रहेंगे, क्योंकि मुख्यमंत्री लोकप्रिय हैं।
मंत्री ने आरोप लगाया कि तलाशी के नाम पर उनके परिवार के सदस्यों और उनके संस्थानों के लिए काम करने वालों को सैकड़ों आईटी अधिकारियों और सीआरपीएफ कर्मियों की तैनाती के साथ उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि आईटी अधिकारियों ने उनके बेटे को कुछ कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया।
उन्होंने कहा, यह तीसरा आयकर छापा है लेकिन मैंने इस तरह का छापा कभी नहीं देखा। यह किस तरह का अत्याचार है? हम तस्कर हैं या अपराधी।
मल्ला रेड्डी ने कहा कि आईटी विभाग आय के रिकॉर्ड की जांच करने और अपनी जांच करने के लिए स्वतंत्र था, लेकिन उन्होंने उनके और उनके परिवार के सदस्यों के साथ बुरा व्यवहार किया।
उन्होंने दावा किया कि उनके और उनके परिवार द्वारा चलाए जा रहे शिक्षण संस्थान पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों या अन्य संस्थानों में दाखिले में अनियमितता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ''वे खुली किताब की तरह हैं।''
मंत्री ने दावा किया कि शैक्षणिक संस्थान सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार प्रवेश दे रहे हैं। संस्थानों द्वारा चंदा एकत्र करने के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि सभी भुगतान ऑनलाइन थे और सभी लेन-देन उचित और कानूनी थे।
गुरुवार सुबह तुर्की से हैदराबाद लौटे मल्ला रेड्डी के दामाद राजशेखर रेड्डी ने कहा कि आईटी अधिकारी उनकी बेटी को बैंक लॉकर खुलवाने के लिए ले गए।
उन्होंने कहा, सभी नियमों का उल्लंघन किया गया था। जिस वाहन में वे मेरी बेटी को ले गए थे, उसमें कोई महिला अधिकारी नहीं थी।
--आईएएनएस
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