तिरुवनंतपुरम। केरल विधानसभा में लगातार तीसरे दिन भी कांग्रेसनीत विपक्षी गठबंधन के हंगामे की वजह से कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न हुआ और कुछ देर बाद सदन को स्थगित कर दिया गया। विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने पिछले हफ्ते पलक्कड़ जिले में हुई दो हत्याओं को लेकर पिनारई विजयन सरकार पर ‘उपेक्षित रवैया’ अपनाने का आरोप लगाया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन के सुबह 8:30 बजे सदन में आने के तुरंत बाद ही विपक्षी सदस्य अपनी जगहों से खड़े हो गए, जिस वजह से प्रश्रकाल में व्यवधान उत्पन्न हुआ। नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथाला ने प्रश्रकाल को स्थगित कर एक भीड़ द्वारा जनजातीय युवक मधु की हत्या और कथित रूप से कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों द्वारा एक 23 वर्षीय व्यापारी सफीर की हत्या पर चर्चा करवाने की मांग की।
विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर कहा कि विपक्षी सदस्यों को विरोध करने का पूरा अधिकार है लेकिन सदन की एक कार्यप्रणाली है और प्रश्रकाल को स्थगित करना संभव नहीं है। इसके बाद, विपक्षी सदस्य सदन से बर्हिगमन कर गए और सुबह 9:30 बजे सदन में वापस आए। पलक्कड़ के विधायक एन. शमसुद्दीन ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग की।
शमसुद्दीन ने कहा, ‘‘उपद्रवियों की भीड़ द्वारा की गई दोनों हत्याएं केरल के सिर पर कलंक हैं। महत्वपूर्ण है कि मुख्यमंत्री पिनारई विजयन के अंतर्गत गृह विभाग राज्य में कानून व व्यवस्था की स्थिति को संभालने में पूरी तरह विफल रहा है। पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है और उपद्रवी मजे में हैं।’’ विजयन ने इन आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि मधु की हत्या के 16 संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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