चेन्नई । तमिलनाडु पुलिस की आइडल
विंग ने चेन्नई के एक इलाके से 4.5 फीट ऊंची नटराज की प्रतिमा जब्त की है,
जिसे एशिया की तीसरी सबसे बड़ी मूर्ति माना जाता है।
जबकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने पुष्टि की है कि मूर्ति पंचलोहा
से बनी है। आइडल विंग ने इसके सत्यापन के लिए इंदिरा गांधी परमाणु
अनुसंधान केंद्र से संपर्क किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आइडल विंग के एक वरिष्ठ अधिकारी
ने आईएएनएस को बताया कि गुरुवार को जब्ती की गई और आरोपी व्यक्ति पार्थिबन
के पास अपना स्वामित्व साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं था।
फिलहाल जांच टीम इस बात की जांच कर रही है कि पार्थिबन को नटराज की मूर्ति कहां से मिली।
एएसआई
के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि 2017 में एक महिला ने मूर्ति को
जर्मनी भेजने के लिए गैर-प्राचीनता प्रमाण पत्र का अनुरोध करने के लिए उनसे
संपर्क किया था।
उन्होंने कहा, हालांकि उन्होंने मूर्ति के स्थान और उसके ठिकाने का खुलासा नहीं किया और यह सिर्फ एक आकस्मिक पूछताछ की तरह था।
आइडल
विंग को गुप्त सूचना मिली थी कि मूर्ति चेन्नई में है और इसे शहर के मनाली
इलाके में लोहे और स्टील के बाजार से बरामद किया गया है।
आईएएनएस
से बात करते हुए, पुलिस महानिदेशक (आइडल विंग), जयंत मुरली ने कहा, "हम
²ढ़ता से मानते हैं कि मूर्ति लगभग 1,200 साल पुरानी है और यह प्रारंभिक
चोल काल या पल्लव और चोल के संक्रमण काल की हो सकती है।"
--आईएएनएस
शराब घोटाला मामला: केजरीवाल की ED हिरासत पर फैसला अदालत ने सुरक्षित रखा
हरियाणा की पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा
मुजफ्फरनगर में पहले लगता था कर्फ्यू, अब निकल रही कांवड़ यात्रा : योगी
Daily Horoscope