नई दिल्ली। तमिलनाडु सरकार को राहत प्रदान करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश को लागू करने पर रोक लगा दी, जिसमें सरकार को सहकारी बैंकों से लिए गए सभी किसानों के ऋणों को माफ करने का निर्देश दिया गया था, चाहे उनके पास कितनी ही जमीनें क्यों न हों। न्यायमूर्ति मदन बी.लोकुर तथा न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने तमिलनाडु सरकार की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी। राज्य सरकार ने मई में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने बीते चार अप्रैल को तमिलनाडु सरकार को सहकारी बैंकों से लिए गए सभी किसानों के ऋणों को माफ करने का आदेश दिया था। सरकार ने इससे पहले पांच एकड़ तक की जमीन के मालिकाना हक वाले किसानों का ऋण माफ किया था, जिसके बाद किसानों ने राज्य के सभी कृषकों, चाहे उनके पास कितनी भी जमीन हो, उन सभी के ऋणों को माफ करने के लिए उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की थी।
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