चेन्नई। सत्तारूढ़ द्रमुक के चुनावी घोषणापत्र का हवाला देते हुए पीएमके के संस्थापक एस. रामदास ने बुधवार को तमिलनाडु सरकार से स्थानीय लोगों के लिए सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में नौकरियों को आरक्षित करने के लिए एक कानून बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने राज्य सरकार से केंद्र से अपने कार्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां आरक्षित करने का आग्रह करने का भी अनुरोध किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रामदास ने कहा कि, "द्रमुक ने अपने चुनावी घोषणापत्र में, स्थानीय लोगों के लिए निजी क्षेत्र की 75 प्रतिशत नौकरियों को आरक्षित करने के लिए एक कानून बनाने का वादा किया था। गुजरात और महाराष्ट्र ने 80 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में 75 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में स्थानीय लोगों के लिए 70 फीसदी नौकरियां में कानून पारित किया है।"
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में क्लास सी और डी की सभी नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित हैं।
रामदास ने यह भी कहा कि निजी/सार्वजनिक/सरकारी क्षेत्रों द्वारा तमिलनाडु में हिंदी को थोपने का प्रयास किया जा रहा है और नागरिकों को उम्मीद है कि ऐसा नहीं होना चाहिए।
पीएमके प्रमुख ने कहा कि द्रमुक सरकार स्थानीय लोगों के लिए 80 प्रतिशत नौकरियों को आरक्षित करने वाला कानून पारित करके उस उम्मीद को पूरा कर सकती है।
--आईएएनएस
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