केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को तमिलनाडु में करोड़ो रुपये के
गुटखा घोटाले के मामले में 40 जगहों पर छापेमारी की, जिसमें राज्य के
स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) टी.के.
राजेंद्रन संदिग्ध हैं।
सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने सुबह 11 बजे के आसपास आईएएनएस को बताया,
"सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने गुटखा घोटाले में तमिलनाडु में सुबह 40 जगहों
पर एक साथ छापा मारा। छापेमारी अभी भी जारी है।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चेन्नई में सीबीआई
के अधिकारियों ने कहा कि छापेमारी 30 जगहों पर की गई है, जबकि नई दिल्ली के
अधिकारियों ने 40 जगहों पर छापा मारे जाने की बात कही है। छापे तमिलनाडु में पान मसाला और गुटखा निमार्ताओं के गोदामों, कार्यालयों और आवासों में मारे गए।
मई
के अंत में सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत आपराधिक षड्यंत्र
और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत 26 अप्रैल को महाराष्ट्र उच्च
न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश के आधार पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क,
तमिलनाडु सरकार, खाद्य सुरक्षा विभाग के अज्ञात अधिकारियों, सरकारी
कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ घोटाले में
मामला दर्ज किया था।
एजेंसी गैर-कानूनी रूप से गुटखा बनाने, आयात,
आपूर्ति, वितरण और बिक्री के अपराध के सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
तमिलनाडु और संघ शासित प्रदेश पुदुच्चेरी में इन उत्पादों पर प्रतिबंध है।
8
जुलाई, 2017 को आयकर अधिकारियों द्वारा तमिलनाडु में एक पान मसाला और
गुटखा निमार्ता पर छापा मारे जाने के बाद यह घोटाला सामने आया था। जो 250
करोड़ रुपये के कर चोरी के आरोपों का सामना कर रहा है। 2013 में तमिलनाडु सरकार ने गुटखा और पान मसाला और तंबाकू जैसे उत्पादों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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