चेन्नई| तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मछुआरों की चिंताओं को दूर किए बिना संसद के मौजूदा सत्र के दौरान भारतीय समुद्री मछुआरा विधेयक, 2021 को पेश नहीं करने का आग्रह किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मोदी को लिखे एक पत्र में, जिसकी कॉपी मीडिया को जारी की गई है, उसमें स्टालिन ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक में कई परेशान करने वाले खंड हैं, जैसे कि अपराधीकरण और मछुआरों को कारावास, मछुआरों के खिलाफ बल प्रयोग, आरोप लगाना, भारी जुमार्ना लगाना और अन्य।
स्टालिन ने कहा कि इस तरह के प्रावधानों के परिणामस्वरूप राज्य में व्यापक विरोध और अशांति हुई है।
स्टालिन ने कहा, "विधेयक के वर्तमान स्वरूप में हितधारकों के विचार प्राप्त करने के बाद, मछुआरा समुदायों की चिंताओं को दूर करने वाले एक नए विधेयक को पेश करने पर निर्णय लिया जा सकता है।"
स्टालिन के अनुसार, प्रस्तावित विधेयक में कई प्रावधान स्थानीय मछुआरे समुदायों के हितों के खिलाफ हैं और कुछ खंड भारत के संविधान की 7वीं अनुसूची की राज्य सूची के तहत राज्यों को दिए गए अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।
स्टालिन ने कहा, " हम समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा और संरक्षण की आवश्यकता को समझते हैं और उसकी सराहना करते हैं। हम यह भी उतना ही महत्वपूर्ण मानते हैं कि पारंपरिक मछुआरों की आजीविका और हितों की स्पष्ट रूप से रक्षा की जानी चाहिए।"
--आईएएनएस
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