चेन्नई। डीएमके ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के सरकार के निर्णय को मद्रास हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इस याचिका दायर करते हुए कहा गया है कि आर्थिक आधार संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है। तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी ने अपनी याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया है कि मामले का निपटारा होने तक संविधान संशोधन (103वां) अधिनियम, 2019 के क्रियान्वन पर अंतरिम रोक लगा दें। डीएमके की इस याचिका पर 21 जनवरी को सुनवाई होने की संभावना जताई जा रही है।
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डीएमके ने दायर याचिका में बताया कि आरक्षण कोई गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है बल्कि इसका उद्देश्य उन समुदायों का उत्थान कर सामाजिक न्याय दिलवाना है जो सदियों से शिक्षा या रोजगार से वंचित रह गए हैं।
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