चेन्नई। कन्याकुमारी जिले के करीब एक हजार लापता मछुआरों के परिजनों ने अपने प्रियजनों की तलाश तेज करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि तलाशी और बचाव अभियान में विमानों की मदद ली जाए। ये मछुआरे उस वक्त गहरे समुद्र में थे, जब चक्रवात ओखी ने दक्षिणी तमिलनाडु के तट पर दस्तक दी थी। मछुआरे उसके बाद से ही लापता हैं।
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सडक़ों पर प्रदर्शन कर रहे परिजनों ने कहा कि मछुआरे तीन दिन पहले लगभग 100 नौका में सवार होकर समुद्र में गए थे, लेकिन वे वापस नहीं लौटे। गुरुवार को तमिलनाडु और पड़ोसी राज्य केरल में चक्रवात आने के बाद तेज हवाओं और बारिश के कारण संभवत: कई नौकाएं पलट गईं। इलाके में तूफानी परिस्थितियां अभी भी बनी हुई हैं।
द्रमुक के कार्यवाहक अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने मछुआरों के परिवारों की ओर से रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को यह कहते हुए लिखा है, ‘‘उनके परिवारों को बहुत डर है कि फंसे मछुआरों की जान खतरे में है।’’उन्होंने सीतारमण से कहा है, ‘‘भारतीय तटरक्षक द्वारा तत्काल राहत उपाय किए जाने चाहिए।’’
कन्याकुमारी उन जिलों में से एक है, जो गुरुवार से चक्रवात के कारण गंभीर रूप से प्रभावित है। प्रर्दशनकारियों के मुताबिक, अभी तक कोई भी अधिकारी उनसे मिलने के लिए नहीं पहुंचा है। अब वे खोज और बचाव कार्यों के लिए हेलीकाप्टरों के उपयोग की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि समुद्र में लापता 11 नौकाओं पर 30 मछुआरों को ढूंढऩे के लिए कदम उठाए जाएं।
राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि मत्स्य विभाग और तटीय सुरक्षा एजेंसियों ने अब तक 18 नौकाओं में सवार 76 मछुआरों को बचाया है। हालांकि, आईएएनएस द्वारा संपर्क किए जाने पर बचाव कार्यों से जुड़े अधिकारियों ने कोई टिप्पणी नहीं की।
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