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पत्रकारों ने इस संबंध में राज्यपाल को सूचित करने के लिए एक पत्र
तैयार किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका(राज्यपाल) कृत्य एक गैर
जमानती अपराध है। पत्रकारों द्वारा लिखे पत्र के अनुसार, ‘‘हमारे तमिलनाडु
राज्य के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते, आपने न केवल सामान्य आचरण की
गरिमा लांघी है, बल्कि कानून का भी उल्लंघन किया है।’’
पत्र में कहा
गया है कि उनका इरादा चाहे जो भी रहा हो, उन्होंने तमिलनाडु महिला उत्पीडऩ
निषेध अधिनियम, 1998 का उल्लंघन किया है। द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (डीएमके)
की राज्यसभा सांसद कनिमोझी ने ट्वीट किया, ‘‘भले ही इरादा संदेह से परे
क्यों न हो, किसी महिला पत्रकार के निजी अंग का स्पर्श न तो मर्यादा
प्रदर्शित करता है और न तो किसी मानव के प्रति जाहिर किया जाने वाला सम्मान
ही।’’पत्रकारों ने राज्यपाल से बिना शर्त माफी की मांग की और आश्वासन
मांगा था कि वह भविष्य में इस तरह का दुव्र्यवहार दोबारा नहीं करेंगे।
--आईएएनएस
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