नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री
पी.चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के तमिलनाडु, दिल्ली व गुरुग्राम
के कई ठिकानों पर छापेमारी की। चिदंबरम व उनके बेटे ने इस कार्रवाई को बदले
की भावना से प्रेरित राजनीति बताया है।
यह छापेमारी विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा कथित तौर पर
आईएनएक्स मीडिया (अब 9एक्स मीडिया) को दी गई मंजूरी के बदले 3.5 करोड़
रुपये का फायदा कमाने के मामले में की गई।
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सुबह छह बजे छापेमारी
शुरू हुई, जो अपराह्न 1.30 बजे तक चली। सीबीआई की यह छापेमारी उसके द्वारा
दर्ज उस प्राथमिकी के बाद सामने आई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि
आईएनएक्स समूह को फायदा पहुंचाने के बदले कार्ति चिदंबरम को लगभग 3.5 करोड़
रुपये मिले। कार्ति को यह रकम उन कंपनियों के माध्यम से मिली, जिसमें उनके
हित प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर जुड़े हुए हैं।
सीबीआई के 11 अधिकारियों की टीम मंगलवार सुबह यहां हड्डोज रोड स्थित चिदंबरम के घर पर पहुंची और तलाशी अभियान शुरू किया। सूत्रों
के मुताबिक, सीबीआई अफसरों ने मंगलवार सुबह चेन्नई, कराइकुड़ी, दिल्ली और
नोएडा के 17 स्थानों पर तलाशी की। मुंबई और गुरुग्राम में भी छापे मारे गए।
एफआईपीबी
द्वारा यह मंजूरी उस समय दी गई थी, जब चिदंबरम केंद्रीय वित्तमंत्री थे और
पीटर व इंद्राणी मुखर्जी आईएनएक्स मीडिया का संचालन करते थे। प्राथमिकी
में चिंदबरम के नाम का उल्लेख नहीं है, लेकिन कहा गया है कि उन्होंने 18
मई, 2007 को एफआईपीबी की बैठक के दौरान 4.62 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष
विदेशी निवेश के लिए एफआईपीबी को इस संबंध में मंजूरी दी थी।
चिदंबरम व उनके बेटे ने इस कार्रवाई को बदले की भावना से प्रेरित राजनीति
बताया है और कहा है कि छापेमारी के डर से वह सरकार की आलोचना करना नहीं
छोड़ेंगे। कार्ति ने कहा, मेरे खिलाफ यह कार्रवाई राजनीति से
प्रेरित है। मेरे खिलाफ कुछ भी साबित नहीं होगा, क्योंकि मैंने कोई अपराध
नहीं किया है। सरकार के खिलाफ मेरे पिता की आवाज को दबाने के लिए यह किया
गया है।
मंगलवार को छापे पड़ने के कुछ देर बाद चिदंबरम ने बयान
जारी कर कहा, एफआईपीबी की मंजूरी सैकड़ों मामलों में दी गई। एफआईपीबी में
शामिल पांच सचिव, एफआईपीबी सचिवालय के अधिकारी और हर एक मामले में सक्षम
प्राधिकारी सरकारी अधिकारी हैं। उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है। मेरे खिलाफ
कोई आरोप नहीं है। प्राथमिकी में कार्ति के अलावा, आईएनएक्स की
निदेशक इंद्राणी मुखर्जी तथा उनके पति पीटर मुखर्जी का नाम है। फिलहाल,
इंद्राणी मुखर्जी अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में अपने पति पीटर
के साथ जेल में हैं।
सीबीआई ने हालांकि कहा कि उसने पाया है कि
आईएनएक्स मीडिया ने एफआईपीबी की विशिष्ट मंजूरी के बिना 26 फीसदी तक
अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया, जिसमें उन्हीं विदेशी निवेशकों द्वारा
अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश शामिल है और 305 करोड़ रुपये से अधिक की रकम की
कमाई की गई।
मंत्रालय की एफआईपीबी इकाई ने स्पष्ट हिदायत दे रखी थी,
कि आईएनएक्स में अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए एफआईपीबी की अलग से
मंजूरी की जरूरत होगी। सीबीआई के मुताबिक, कार्ति का नाम एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंपनी से जुड़ा है, जिसका नाम कई मामलों में सामने आया है।
सीबीआई
की एक अलग टीम ने तमिलनाडु में 10 से अधिक जगहों पर छापेमारी की, इसके
अलावा दिल्ली, मुंबई तथा हरियाणा के गुरुग्राम में भी छापेमारी की गई।
प्राथमिक में जिन लोगों के नाम दर्ज हैं, उन सभी के ठिकानों पर छापेमारी की
गई।
गुरुग्राम में सीबीआई ने चेस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट
लिमिटेड के कार्यालय पर छापेमारी की, जो सेक्टर 48 में सोहना रोड पर
मेहापॉलिस बिजनेस सेंटर में स्थित है। सीबीआई ने आपराधिक साजिश,
धोखाधड़ी, भ्रष्ट या अवैध तरीके से लाभ पाने, सरकारी अधिकारी को प्रभावित
करने तथा आपराधिक आचरण के तहत एक मामला दर्ज किया है।
जांच एजेंसी ने कहा कि कार्ति के प्रभाव के कारण एफआईपीबी के अधिकारियों ने आईएनएक्स के मामले में गंभीर अनियमितता को नजरअंदाज किया। सीबीआई
ने प्राथमिकी में कहा, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा इस तरह के
धोखेबाज और भ्रष्ट प्रस्ताव पर उचित रूप से विचार किया गया और तत्कालीन
वित्त मंत्री द्वारा उसे अनुमोदित किया गया।
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