चेन्नई। द्रमुक नेता एम.के. स्टालिन ने मंगलवार को कावेरी जल विवाद के मुद्दे पर राजनीतिक दलों, किसान संघों, व्यापार समूहों और मजदूर संघों की ओर से मिलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। स्टालिन ने लिखा है, इस पत्र के माध्यम से हम आपसे मिलने का समय चाहते हैं और आपको तमिलनाडु की भावनाओं से अवगत कराने चाहते हैं। साथ ही आपसे इस मुद्दे पर तुरंत हस्तक्षेप का आग्रह करते हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को केंद्र से छह सप्ताह के भीतर एक योजना तैयार करने का निर्देश दिया था ताकि कावेरी जल विवाद अधिकरण द्वारा दिए गए अंतिम फैसले को लागू किया जा सके और लंबे समय से चल रहे विवाद को हमेशा के लिए समाप्त किया जा सके। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी की अध्यक्षता वाली सर्वदलीय बैठक में तीन प्रस्ताव पारित किए गए थे। इसमें एक प्रधानमंत्री से मिलकर उन्हें वर्तमान हालात के बारे में बताना और कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) के गठन में हस्तक्षेप करने की मांग करना शामिल था। उन्होंने कहा, इसके अतिरिक्त तमिलनाडु विधानसभा ने 15 मार्च को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें सीएमबी के तुरंत गठन की मांग की गई थी। हमारा मानना है कि यह सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव तमिलनाडु के साढ़े सात करोड़ लोगों की भावनाओं और अकांक्षाओं को दर्शाता है।
स्टालिन ने कहा, इसलिए, मैं तमिलनाडु की सभी पार्टियों के नेताओं की ओर से राज्य के उभरते कृषि संकट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू नहीं करने के कारण जनभावनाओं के उबाल से अवगत कराने के लिए आपसे मिलने का आग्रह कर रहा हूं। द्रमुक नेता ने मोदी से जल संसाधन मंत्रालय को शीर्ष अदालत के समक्ष दायर स्पष्टीकरण याचिका को तुरंत वापस लेने और कर्नाटक विधानसभा के चुनाव का इंतजार किए बिना सीएमबी गठित करने के लिए निर्देश देने का भी आग्रह किया है।
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