चेन्नई। सुपरस्टार रजनीकांत ने राजनेता ई.वी. रामासामी 'पेरियार' के नेतृत्व में 1971 में हुई रैली के बारे में की गई अपनी टिप्पणी के लिए मंगलवार को स्पष्ट रूप से माफी मांगने से इनकार कर दिया। द्रविड़ आंदोलन के नेता के समर्थक उनसे इस बात को लेकर काफी नाराज हैं। रजनीकांत ने पिछले सप्ताह तमिल पत्रिका 'तुगलक' की 50वीं वर्षगांठ समारोह के दौरान टिप्पणी की थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
तुगलक समारोह में रजनीकांत ने कहा था कि '1971 में पेरियार की अगुवाई वाली एक रैली में कथित तौर पर भगवान राम और सीता की नग्न छवियों को प्रदर्शित किया गया था। उन्होंने कहा कि उस रैली में जो कुछ भी हुआ था, उस समय मीडिया द्वारा रिपोर्ट किया गया था।
द्रविड़ अंदोलन के जनक पेरियार के समर्थक व द्रविड़ कजगम के कार्यकर्ताओं का कहना है कि रजनीकांत की टिप्पणी पेरियार का अपमान है। यहां पत्रकारों से बातचीत में रजनीकांत ने अपनी टिप्पणी के समर्थन में मीडिया रपटों की कुछ फोटोकॉपी दिखाईं और कहा कि वह माफी नहीं मांगेंगे।
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