सिन्हा ने साफतौर पर कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को गर्त में ले जाने
के पीछे पिछले टर्म में अपनाई गई गलत नीतियां हैं। उन्होंने कहा कि इसके
पीछे का मुख्य कारण कृषि क्षेत्र की उपेक्षा है। कृषि क्षेत्र में गिरावट
के साथ ही अर्थव्यवस्था धराशायी हो रही है। कृषि क्षेत्र की उपेक्षा के
चलते ही उनकी इस यात्रा में 30 किसान भी साथ चल रहे हैं। उन्होंने जीएसटी
को भी गलत तरीके से लागू करने को अर्थव्यवस्था में गिरावट का एक कारण
बताया। सिन्हा ने कहा कि जाने-माने अर्थशास्त्री भी भारतीय अर्थव्यवस्था को
आईसीयू में बताने लगे हैं।
एक सवाल के जवाब में सिन्हा ने कहा कि
उन्होंने भाजपा छोडऩे के बाद कोई दल जॉइन नहीं किया है। हालांकि, उनके
संविधान संरक्षण के अभियान में वे सभी दल उनका सहयोग कर रहे हैं जो उनके
विचारों से समानता रखते हैं। गुजरात में आम आदमी पार्टी, सीपीएम, सीपीआई ने
पूरा सहयोग किया तो राजस्थान में कांग्रेस उनको सहयोग कर रही है। उन्होंने
कहा कि उनकी यात्रा के चार उद्देश्य हैं, पहला संविधान की रक्षा, दूसरा
गांधी की हत्या दुबारा नहीं होने देंगे, तीसरा धर्म के आधार पर देश नहीं
बंटने देंगे और चौथा एनआरसी पर हम दस्तावेज होने के बावजूद कागज नहीं
दिखाएंगे।
सिन्हा ने जनसंख्या नियंत्रण कानून के सवाल पर
प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए सवाल पूछने वाले पत्रकार से यह भी कह
दिया कि आप भी सरकार की तरह मुद्दे से ध्यान भटका रहे हैं। उन्होंने मीडिया
पर यह भी आरोप लगाया कि मीडिया उनकी बातों को प्रमुखता से फ्रंट पेज पर
नहीं छाप रही, फिर भी वे निराश नहीं हैं और उनके जैसे समान विचार वाले सभी
नागरिक संविधान के प्रति श्रद्धा रखकर अपना संदेश ज्यादा से ज्यादा लोगों
तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं।
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