उदयपुर। इंस्टिट्यूट ऑफ़ टाउन प्लानर इंडिया के उदयपुर सेंटर में शनिवार को वर्ल्ड टाउन प्लैनिंग डे मनाया गया। इस दौरान आयोजित सेमीनार में उदयपुर शहर एवं उसके आसपास के क्षेत्र के विकास को लेकर चर्चा की गई।
वक्ताओं ने शहर के समेकित विकास और संरक्षण को लेकर कई तरह के सुझाव दिए। इसमें उदयपुर शहर की सुंदरता बनाए रखने के लिए शहर के चारों तरफ स्थित पहाड़ों को सुरक्षित रखने, उनकी कटाई पर पाबंदी लगाने, आयड नदी सहित अन्य जलस्त्रोतों को संरक्षित करने पर जोर दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुगम बनाने के लिए अधिक से अधिक रोड नेटवर्क बनाए जाने, सड़कों को चौड़ा करने, सड़कों के किनारे फुटपाथ बनाने, ऑटो रिक्शा की संख्या कम कर अधिक से अधिक सिटी बसें चलाए जाने का सुझाव दिया। यूरोप की तर्ज पर आने वाले वर्षों में उदयपुर शहर में ट्रोम ट्रेन के बारे में विचार किए जाने की आवश्यकता जताई। रोड के किनारे अवैध पार्किंग एवं कब्जे हटाने का भी सुझाव दिया।
सेमीनार में शहर के सीवरेज सिस्टम में सुधार की आवश्यकता जताई। शहर में पीक सीजन में एवं त्योहार के समय ट्रैफिक की समस्या से निजात के लिए शहर के पश्चिम दिशा में भी दो रिंग रोड बनाए जाने का सुझाव दिया। अनावश्यक रूप से शहर एवं आसपास में पहाड़ों की कटिंग नहीं हो उसके लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
वक्ताओं ने कहा कि उदयपुर शहर के मास्टर प्लान को माननीय न्यायालय एवं राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार इंप्लीमेंट किया जाए तो शहर की सुन्दरता बनीं रहेगी। सेमीनार में सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक सतीश कुमार श्रीमाली, वरिष्ठ नगर नियोजक अरविंद सिंह कानावत, उप नगर नियोजक वीरेंद्र सिंह परिहार, सहायक नगर नियोजक निकिता शर्मा, प्रोफेसर महेश शर्मा, जीपी सोनी, महेंद्र सिंह परिहार, वैभव ओझा एवं पुष्कर सेन आदि ने विचार व्यक्त किए।
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