इस तरह पूरा हुआ शोध
गोपीसुंदर ने बताया कि अब तक पुस्तकों के भीतर
इस प्रजाति के वितरण का नक्शा मुख्यतः पीकाटा उप प्रजाति को लेकर ही बनाया
गया है और प्रकाशित सूचना भी इस पर कम ही उपलब्ध है। इस स्थिति में
शोधकर्त्ताओं के इस दल ने वेरियबल विटियर के इंटरनेट पर मौजूद चित्रों का
उपयोग कर पक्षी विज्ञान में शोध की संभावनाओं को साकार किया गया है। इस शोध
के लिए उन्होंने अपने घर के कमरे में ही रहते हुए इंटरनेट के सहारे मुफ्त
चित्र उपलब्ध कराने वाली विभिन्न वेबसाईट्स से पूरे भारत में वेरियबल
विटियर के 542 चित्रों का संकलन किया। डॉ. विजय कोली ने बताया कि इस शोध के
लिए उन्होंने अधिकांश चित्र ओरिएंटल बर्ड इमेज वेबसाईट से 360 चित्र,
ई-बर्ड वेबसाईट से 123 चित्र तथा विकिपीडिया और अन्य व्यक्तिगत संपर्कों से
59 चित्रों को संकलित किया। इन चित्रों के साथ ही उपस्थित सूचनाओं से
डाटाबेस तैयार किया जिसमें चित्र का समय, दिनांक व स्थान सम्मिलित है।
स्थान की जीपीए लोकेशन लेकर तीनों रूपों का भारत में वितरण का मानचित्र
तैयार किया गया।
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